मुख्यमंत्री ने विधान सभा में बजट पर हुई चर्चा का  दिया जवाब

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वर्ष 2015-16 के बजट में प्रदेश के सभी वर्गों तथा क्षेत्रों के विकास के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े प्रदेश में पूंजी निवेश को प्रोत्साहित कर रोजगार के अवसर बढ़ाने का काम गम्भीरता से कर रही है। बुनकर बाहुल्य क्षेत्रों को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही, नोएडा में बुनकर बाजार स्थापित किया जा रहा है। इसी प्रकार भदोही में 50 करोड़ रुपए की लागत से कारपेट बाजार विकसित करने का प्रावधान किया गया है। 

मुख्यमंत्री आज विधान सभा में बजट प्रस्ताव 2015-16 के सम्बन्ध में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि ढांचागत सुविधाओं के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ गरीबों को आर्थिक मदद उपलब्ध कराकर उनका जीवन स्तर बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान राज्य सरकार अपने पहले बजट से ही किसानों की खुशहाली के लिए काम कर रही है। इसके बावजूद किसानों की समस्याओं पर और अधिक गम्भीरता से ध्यान केन्द्रित करने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष को किसान वर्ष के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया है। गन्ना किसानों के भुगतान की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पिछले पेराई सत्र के लिए राज्य सरकार द्वारा लगभग 700 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। वर्तमान पेराई सत्र के बाकी भुगतान के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष भी राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त धनराशि का प्रवधान किया गया है। गन्ना किसानों की वर्तमान स्थिति के लिए केन्द्र सरकार की चीनी आयात नीति को जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से चीनी आयात पर ड्यूटी दर बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। किसानों की सुविधा के लिए लोहिया ग्रामीण बस सेवा का संचालन किया गया है। इसके साथ ही, क्षेत्र विशेष में किसानों की सुविधा के लिए मण्डी समिति द्वारा अलग से बसें चलाई जा रही हैं। बुन्देलखण्ड जैसे पिछड़े इलाकों में अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए गरीब दुग्ध उत्पादकों को अतिरिक्त बोनस देने पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पराग ब्राण्ड को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु योजना का विस्तार किया जाएगा तथा दुग्ध संग्रह केन्द्रों को दुरुस्त किया जाएगा। 

श्री यादव ने कहा कि दुनिया में जितने खुशहाल एवं विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश हैं उन सभी ने पहले सड़क, विद्युत आदि आधारभूत सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया। यह भी सर्वमान्य है कि अगर रफ्तार दो गुनी कर दी जाए तो विकास तीन गुना हो सकता है। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार जिला मुख्यालयों को 4-लेन की सड़कों से जोड़ने तथा प्रदेश के अन्य कई क्षेत्रों में आधुनिक सड़कों के निर्माण का काम कर रही है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि  इस परियोजना को राज्य सरकार 22 माह में पूरा करने के लिए कृतसंकल्प है। इतनी बड़ी परियोजना के लिए किसानों की सहमति से भूमि ली गई और उन्हें सर्किल दर से 4 गुना अधिक मुआवजा दिया गया है। इसीलिए कहीं विवाद नहीं हुआ है। जबकि पिछली सरकार में यमुना एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए किसानों का काफी उत्पीड़न किया गया और निजी संस्था को पर्याप्त लैण्डपार्सल के रूप में स्वीट्नर उपलब्ध कराया गया। 

श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार वाराणसी-शक्तिनगर, सहारनपुर, बाबतपुर से भदोही तथा भदोही से मिर्जापुर, हमीरपुर से जालौन आदि सड़कों को तेजी से निर्मित कराने का काम करा रही है। इसके अलावा, नदियों पर पुल बनाने, विश्वविद्यालय के निर्माण, माॅडल स्कूलों की स्थापना के साथ-साथ पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाओं पर कार्य कराया जा रहा है। जनपद जौनपुर तथा चन्दौली में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना का लाभ पूर्वांचल को ही मिलेगा। जनपद आजमगढ़ का राजकीय मेडिकल काॅलेज पहले ही शुरू हो चुका है। यहां पैरामेडिकल काॅलेज की स्थापना का कार्य भी चल रहा है। 

राज्य में स्थापित अस्पतालों की वर्तमान डिजाइन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अस्पतालों की डिजाइन सुधार कर आधुनिक बनाने तथा अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने का काम कर रही है। आवश्यकता पड़ने पर टर्न-की आधार पर कुछ बड़े अस्पतालों का निर्माण भी कराया जाएगा ताकि प्रदेश की जनता को इलाज की बेहतर सुविधा मिल सके। राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के कारण राजकीय अस्पतालों में ओ0पी0डी0 के माध्यम से इलाज प्राप्त करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उन्होंने सरकार द्वारा संचालित ‘108’ समाजवादी स्वास्थ्य सेवा, ‘102’ नेशनल एम्बुलेन्स सर्विस का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं के तहत संचालित एम्बुलेन्स का लाभ प्रदेश के हर क्षेत्र में मिल रहा है, लेकिन कुछ क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए एम्बुलेन्स बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। इस दृष्टिकोण से प्रस्तुत बजट में 500 नई एम्बुलेन्स खरीदने का प्रावधान भी किया गया है। 

एन0एच0ए0आई0 द्वारा प्रदेश में निर्माणाधीन सड़कों का जिक्र करते हुए श्री यादव ने कहा कि वाराणसी-लखनऊ, गोरखपुर-वाराणसी, रायबरेली-इलाहाबाद आदि सभी सड़कों के कार्य अधूरे हैं। इनमें से अधिकांश सड़कें खस्ता हाल हैं जिन पर चलना कठिन है। राज्य सरकार द्वारा सड़कों सहित प्रदेश की अन्य समस्याओं की तरफ ध्यान आकृष्ट कराते हुए कई बार केन्द्र सरकार को पत्र लिखे गये। इसके साथ ही, प्रदेश के सांसदों को भी पत्र लिखकर राज्य के विकास में सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार विकास के मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति के खिलाफ है। पिछली राज्य सरकार द्वारा एम्स के लिए भूमि उपलब्ध नहीं कराई गई जबकि उनकी सरकार ने तत्काल निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने का कार्य किया। इसके अलावा, केन्द्र सरकार द्वारा अन्य जिन परियोजनाओं के लिए सहयोग देने की बात कही गई, उनमें भी आवश्यकतानुसार मदद की गई है।

नगरों में वाहनों की बढ़ती संख्या एवं यातायात घनत्व का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना पर तेजी से काम कर रही है। इसके अलावा कानपुर, वाराणसी सहित अन्य कई बड़े नगरों में मेट्रो रेल संचालन के लिए डी0पी0आर0 तैयार कराया जा रहा है। मेट्रो की सुविधा मिल जाने से नगरों में बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा और लोगों को यातायात की बेहतर सुविधा मिलेगी। सन् 2016 से ग्रामीण क्षेत्रों में 16 घण्टे तथा नगरीय क्षेत्रों में 22 से 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उत्पादन, पारेषण तथा वितरण क्षेत्रों में काम किया जा रहा है। उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य सरकार के इस काम में केन्द्र भी मदद उपलब्ध कराएगा। परम्परागत विद्युत के अतिरिक्त, सौर ऊर्जा पर भी गम्भीरता से काम किया जा रहा है। हाल ही में महोबा में सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई का लोकार्पण किया गया है। शीघ्र ही ललितपुर में भी तीन इकाइयों का लोकार्पण किया जाएगा। 

समाजवादी पेंशन योजना की चर्चा करते हुए श्री यादव ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत समाज के सभी वर्गाें, जिनमें अल्पसंख्यक भी शामिल हैं, 40 लाख परिवारों को इस योजना से आच्छादित किया गया है। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 5 लाख अतिरिक्त लाभार्थियों को योजना के तहत लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के तहत नगरों में रहने वाले गरीब वर्गाें को भी लाभ पहुंचाया जा रहा है, जबकि पिछली राज्य सरकार द्वारा संचालित पेंशन योजना से मात्र लगभग 25 लाख लोगों को ही डेढ़ वर्ष तक मदद दी गई थी। 

निःशुल्क लैपटाॅप योजना का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा वाई-फाई की सुविधा प्रदान करने की बात कही जा रही है, लेकिन इस तथ्य पर विचार नहीं किया जा रहा कि वाई-फाई सुविधा का लाभ कम्प्यूटर या लैपटाॅप द्वारा ही प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोहिया ग्रामीण आवास में सोलर पैनल के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी लाभार्थी को दी जा रही हैं। पंजीकृत श्रमिकों को बड़े पैमाने पर साइकिल वितरित की गई है। आगे भी इसी प्रकार पंजीकृत श्रमिकों को साइकिल वितरित की जाएंगी। राज्य सरकार द्वारा कैलाश-मानसरोवर यात्रियों को दिए जा रहे अनुदान तथा समाजवादी श्रवण यात्रा-2015 का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गाें के लिए काम कर रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर उद्यमी निवेश के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने एचसीएल, इन्फोसिस, सैमसंग आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार केन्द्र की ‘मेक इन इण्डिया’ योजना को राज्य में पूरी मदद देने के लिए तैयार है। राज्य पहले से ही, गेहूं, आलू, दूध आदि के उत्पादन में आगे चल रहा है। प्रगति की इस यात्रा को आगे बढ़ाने तथा राज्य की जनता को विकास का पूरा अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार गम्भीरता से काम करने के लिए तत्पर है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अच्छी योजनाएं बनाकर उन्हें लागू करने का हर सम्भव प्रयास लगातार किया जाएगा।