मनमोहन सिंह को मिला सोनिया का साथ
समर्थन में कांग्रेस ने निकाला एकता मार्च, कांग्रेस लड़ेगी कानूनी लड़ाई
नई दिल्ली : कोयला घोटाला मामले में अदालत की ओर से आरोपी के तौर पर समन किए गए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रति समर्थन और एकजुटता दिखाने के लिए सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार को यहां एआईसीसी मुख्यालय से उनके आवास तक मार्च किया। कांग्रेस सोनिया गांधी, सीडीब्ल्यूसी सदस्य, पार्टी के सांसद और अन्य पदाधिकारी ने 24 अकबर रोड पर बैठक के बाद एकता मार्च को निकाला। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह के आवास 3, मोतीलाल नेहरू मार्ग तक मार्च की अगुवाई की।
पूर्व प्रधानमंत्री के आवास तक मार्च का नेतृत्व करने के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि हम यहां मनमोहन सिंह के प्रति पूर्ण समर्थन और एकजुटता व्यक्त करने आए हैं। हम अपने पास मौजूद सभी कानूनी संसाधनों के साथ लड़ाई लड़ेंगे, मुझे यकीन है कि हम सही साबित होंगे। गांधी ने कहा कि उनके पास जो भी कानूनी तरीके हैं उसके तहत वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मनमोहन सिंह को सम्मन करने वाली खबर सुनकर मैं व्यथित हूं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री केवल अपने देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में ईमानदारी और शुचिता के लिए जाने जाते हैं। हम यहां अपना पूरा समर्थन देने और अपनी एकजुटता दिखाने के लिए आए हैं। सिंह के आवास पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से उनके साथ है। हम अपने स्तर से सभी तरह से कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। हम आश्वस्त हैं, हमें पक्का यकीन है कि वह बेगुनाह साबित होंगे। अपनी पत्नी के साथ सिंह ने अपने घर में नेताओं का स्वागत किया। सभी नेता गर्मजोशी से उनसे मिले।
वहीं, आनंद शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इस मामले में सच्चाई आने का भरोसा है। मनमोहन सिंह का हर फैसल निष्पक्ष रहा है। उनका हर निर्णय सही और निष्पक्ष रहा है। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह उनके साथ है और मजबूती के साथ हर मुश्किलों का सामना करेगी।
सोनिया सहित शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व के आज सड़क पर उतरने के साथ पार्टी अध्यक्ष ने इसे ‘चौंका देने’ वाला बताया। सोनिया गांधी ने आज सुबह कांग्रेस मुख्यालय में सीडब्ल्यूसी की बैठक की अध्यक्षता की और तकरीबन आधे किलोमीटर दूर सिंह के आवास की तरफ मार्च की अगुवाई की। इस दौरान सिंह की कैबिनेट में सहयोगी रहे पी चिदंबरम, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, वीरप्पा मोइली और के रहमान खान मौजूद थे। कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर भी निशाना साधते हुए ऐसे वक्त ‘जानबूझकर खामोशी’ बरतने का आरोप लगाया जब सीबीआई ने अदालत से कहा है कि सिंह के पास 2005 में जब कोयला का भी प्रभार था उस दौरान ओडिशा में आदित्य बिड़ला ग्रुप की हिंडाल्को कंपनी को तालाबीरा कोयला ब्लॉक-2 के आवंटन में कोई अपराध नहीं हुआ।
सिंह ने कल भरोसा जताया था कि मुकदमे में वह अपनी बेगुनाही साबित करेंगे। अदालत के आदेश के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि बेशक, मैं दुखी हूं लेकिन यह जिंदगी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा कहा है मैं कानूनी जांच के लिए तैयार हूं, मुझे भरोसा है कि सत्य सामने आएगा और मुझे सभी तथ्यों के साथ अपने मामले को सामने रखने का मौका मिलेगा।
एक विशेष अदालत ने ओडिशा में 2005 में तालाबीरा-2 कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़े कोयला घोटाला के एक मामले में सिंह के साथ ही उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, पूर्व कोयला सचिव पी सी पारख और तीन अन्य को आरोपी के तौर पर सम्मन जारी किए हैं और आठ अप्रैल को पेश होने के लिए कहा है।