रेप के आरोपी को फांसी के बाद दीमापुर में लगा कर्फ्यू
नई दिल्ली: दीमापुर में हुई हिंसा के बाद प्रशासन ने अब वहां कर्फ्यू लगा दिया है। कल शाम दिमापुर सेंट्रल जेल से गुस्से में आई भीड़ ने जेल तोड़ एक कैदी को बहार निकाला फिर उसे नग्न अवस्था में शहर में सात किलोमीटर तक परेड किया और घसीटा जिसके कारण उसकी मौत हो गई। भीड़ ने फिर उसे शेहर के बीचों-बीच एक क्लॉक टावर में फांसी भी लगा दी।
इस चौंका देने वाली वारदात में कम से कम छह लोग घायल हुए और एक स्थानीय नागरिक की मौत भी हो गई। गृह मंत्रालय ने इस घटना को लोकल पुलिस का फेलियर करार दिया है। जो रिपोर्ट गृह मंत्रालय पहुंची है उसके मुताबिक दीमापुर सेंट्रल जेल से चार और कैदी भी भाग गए थे, लेकिन उनमें से तीन अब वापिस गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, ‘यह एक गंभीर मसला है पिछले कई दिनों से इस रेप के मामले को लेकर लोगों में काफी गुस्सा था, लेकिन लोकल प्रशासन उसे गुस्से को आंक नहीं पाया और जब स्थिति हाथ से बाहर चली गई तब लाचार हो गया।’ गृह मंत्रालय ने नागालैंड प्रशासन और जेल पुलिस से इस घटना को लेकर एक रिपोर्ट भी मांगी है।
गृह मंत्रालय का मानना है, ‘मामला एक लोकल वर्सेस नॉन लोकल का था, इसलिए अब इसका असर भी होगा।’
दरअसल कथित आरोपी लड़का असम के करीमगंज का रहने वाला था और लड़की एक ट्राइबल थी। इसीलिए माना जा रहा है कि मामला बदले का हो सकता है। वैसे गृह मंत्रालय ने असम को अलर्ट कर दिया है।
बताया जा रहा है कि फरीद नाम के शख्स को बलात्कार के आरोप में 23 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। नागालैंड पुलिस के मुताबिक वह असम का रहने वाला है, लेकिन जांच चल रही है कि क्या वह बांग्लादेशी तो नहीं।
गृह मंत्रालय के मुताबिक जब गुस्से में आई भीड़ ने दिमापुर सेंट्रल जेल पर हमला किया तब दीमापुर की लोकल पुलिस और जेल गार्ड्स ड्यूटी पर थे। सीआरपीएफ भी थी लेकिन कुछ नहीं कर पाई।”
इन्क्वारी के बाद ही सामने आएगा की कहां कहां गलतियां हुई हैं और कौन ज़िम्मेदार है। उसके बाद ही कार्रवाई की जा सकती है।” अधिकारी का कहना था, “ये बहुत ही दुखद हादसा है। हमने हाई लेवल इन्क्वारी आर्डर कर दी है। सुरक्षा बलों को भीड़ ने ओवर पावर कर लिया था, इसीलिए वो भी कुछ नहीं कर पाए।”