रेल सफर में अब मिलेगी फ़ौरन पुलिस मदद
डीजीपी के हाथों राजकीय रेलवे पुलिस हेल्पलाइन की शुरुआत
लखनऊ। रेल सफर में मुश्किल घड़ी में अब एक हेल्पलाइन मददगार साबित होगी। यात्री को चोरी, लूट, डकैती, मारपीट, छेड़खानी, हत्या और जहरखुरानी जैसे विषम हालात में 1512 नंबर पर डायल करने पर सहायता उपलब्ध होगी। राजकीय रेलवे पुलिस ने यह हेल्पलाइन शुरू की है। डीजीपी एके जैन ने मंगलवार को इस सेवा का शुभारंभ किया।
डीजीपी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में 1512 नंबर पर फोन कर डीजीपी ने इसकी औपचारिक शुरुआत की। कहा कि उप्र राज्य की सीमा के अंदर यात्री मोबाइल फोन या लैंड लाइन के जरिए 1512 नंबर डायल कर राजकीय रेलवे पुलिस नियंत्रण कक्ष से संपर्क स्थापित कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना से अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने एवं यात्रियों को न्यूनतम समय में त्वरित सहायता दी जायेगी। सूचना मिलते ही नियंत्रण कक्ष निकटतम थाने को तत्काल कार्रवाई के लिए निर्देशित करेगा। अपेक्षित कार्रवाई की निगरानी भी की जायेगी। उन्होंने बताया कि इस हेल्पलाइन के अलावा और भी कई नंबर पहले से चल रहे हैं।
एडीजी रेलवे जावीद अहमद ने कहा कि जीआरपी के अधिकार क्षेत्र में ट्रेनों में होने वाली आपराधिक घटनाओं की रोकथाम एवं रेल यात्रियों को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए यह हेल्पलाइन शुरू की गयी है। इस मौके पर एडीजी कानून-व्यवस्था मुकुल गोयल और एडीजी कार्मिक भवेश कुमार सिंह भी मौजूद थे।
डीजीपी एके जैन ने कहा कि जीआरपी में फोर्स की बड़ी कमी है। इस वजह से भी दिक्कतें बनी हैं। राज्य सरकार ने रेलवे बोर्ड को इस कमी को दूर करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। 40 हजार सिपाहियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद जीआरपी में भी सिपाही भेजे जायेंगे। प्रस्ताव को अनुमति मिली तो जीआरपी में 273 उपनिरीक्षक, करीब 300 मुख्य आरक्षी और 2200 आरक्षी के पद बढ़ जायेंगे। इससे अपराध नियंत्रण में सहूलियत होगी।
अपराध नियंत्रण के लिए जीआरपी की अन्य योजनाएं
– चलित ट्रेन में एफआइआर की व्यवस्था 15 फरवरी 2015 से प्रारंभ की गयी है। ट्रेन में अभी तक 54 एफआइआर दर्ज की जा चुकी हैं।
– जीआरपी मुख्यालय लखनऊ के नियंत्रण कक्ष में स्थापित हेल्पलाइन पहले से चल रही है। मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष में 9454402544, 9794833811, 9794866946, 9919099190, 0522-2288103 आदि नंबर भी हेल्पलाइन के रूप में काम कर रहे हैं।
– कंप्यूटरीकृत संदेश सुरक्षा योजना में रेल यात्री प्लेटफार्म पर पुलिस सहायता के लिए नियंत्रण कक्ष को सूचित कर सकता है।
– 21 अगस्त 2014 से जीआरपी सिटीजन आइ नामक हेल्पलाइन चल रही है।
– लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर, बनारस, गोरखपुर, आगरा आदि रेलवे स्टेशनों पर महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, लखनऊ, मुरादाबाद और आगरा में रीयल टाइम मानीटरिंग कैमरे लगाए गए हैं। 19 जीआरपी थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं।