पूल टेस्टिंग को बढ़ावा, प्लाज्मा थेरेपी पर विचार, टीम-11 के साथ सीएम ने की मीटिंग
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूल टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाए, क्योंकि पूल टेस्ट के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों की जांच करके कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। कोरोना के उपचार में लगी डाॅक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स तथा अन्य स्टाफ की टीम को हर हाल में मेडिकल इन्फेक्शन से बचाया जाए। कोरोना से जंग में मेडिकल टीम को सुरक्षित रखना अत्यन्त आवश्यक है। इसके लिए कोविड अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में पी0पी0ई0 किट्स, एन-95 मास्क की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही अस्पतालों की साफ-सफाई सुनिश्चित करते हुए लगातार सेनेटाइजेशन किया जाए। उन्होंने मेडिकल इन्फेक्शन की रोकथाम के लिए गठित की गयी डेडीकेटेड टीम को कोरोना के इलाज में लगे सभी कर्मियों की लगातार निगरानी के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर कोविड-19 से निपटने के लिए गठित टीम-11 की समीक्षा बैठक के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मौजूद कोरोना से सम्बन्धित तथा अन्य बायोमेडिकल वेस्ट का सुरक्षित डिस्पोजल सुनिश्चित किया जाए। सभी अस्पतालों में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों में अनिवार्य रूप से सिर्फ कोविड संक्रमण का ही इलाज हो अन्य चिकित्सा गतिविधियां इन अस्पतालों में न की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि इसके अच्छे परिणाम मिले हैं। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों में निवासरत उत्तर प्रदेशवासियों को क्वारंटीन अवधि पूरी होने के उपरान्त चरणबद्ध तरीके से प्रदेश वापस लाने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व पुलिस महानिदेशक को सभी 19 संवेदनशील जनपदों के नोडल अधिकारियों से फीड बैक लेने और कोरोना के बढ़ते मामलों पर प्रभावी नियंत्रण करने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान जिन औद्योगिक इकाइयों को चलाने की अनुमति दी गयी है, वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। यह भी देखा जाए की इन इकाइयों में कोरोना की रोकथाम के सम्बन्ध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों को अनुपालन अवश्य हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सप्लाई चेन प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है। यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में भी यह इसी तरह कार्य करती रहे। उन्होंने होम डिलीवरी में लगे व्यक्तियों की लगातार निगरानी और जांच करने के निर्देश दिये, ताकि इनसे कोरोना संक्रमण फैलने न पाये। उन्होंने वाॅलेन्टियर्स की टीम गठित कर लोगों को कोरोना के विषय में जागरूक करने के साथ-साथ शेल्टर होम्स में नियमित साफ-सफाई और सेनेटाइजेशन के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में लाॅकडाउन को सख्ती से लागू किया जाए, किसी भी हाल में कहीं कोई भीड़ इकट्ठा न हो। पेट्रोलिंग बढ़ायी जाए और सोशल डिस्टेंसिंग को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि 30 जून, 2020 तक कोई भी सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति न दी जाए। उन्होंने सोशल मीडिया की निरन्तर निगरानी के भी निर्देश दिये। उन्होंने अपर मुख्य सचिव राजस्व को कम्युनिटी किचन की तरह ही शेल्टर होम्स की भी जियो टैगिंग कराने के निर्देश देते हुए कहा कि क्वारंटीन में रखे गये लोगों के नाम, पते, मोबाइल नम्बर संकलित करते हुए इन्हें आरोग्य सेतु एप से जोड़ा जाए। कोरोना मरीजों का इलाज कोविड अस्पतालों में ही किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लेन-देन के लिए रुपे कार्ड तथा अन्य माध्यम को बढ़ावा दिया जाए। सभी ग्रामीण सेवाओं को मुहैया कराने के लिए ग्राहक सेवा केन्द्र (सी0एस0सी0) की तर्ज पर व्यवस्था बनायी जाए, जिससे बैंकों में होेने वाली भीड़ को कम किया जा सके। बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग हर हाल में सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि लाॅकडाउन के कारण श्रमिकों को रोजगार मिलने में कोई असुविधा न हो। प्रदेश सरकार इसके प्रति पूरी तरह से संवेदनशील है और स्थिति पर निगाह बनाये हुए है। मनरेगा के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए बनायी गयी कार्य योजना को शीघ्र लागू करने के निर्देश दिये।