स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला अब पड़ेगा भारी, होगी 7 साल की जेल
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संकट के बीच देश में स्वास्थ्यकर्मियों पर लगातार हो रहे हमले को देखते हुए मोदी सरकार अध्यादेश लेकर आई है। इसके तहत अगर स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला किया तो सात साल तक की जेल हो सकती है और हमला करना गैर-जमानती अपराध होगा। इससे पहले स्वास्थकर्मियों पर बढ़ते हमले के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सांकेतिक हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था। गृहमंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद डाक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली थी।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई। इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार डॉक्टरों और नर्सों पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगी। स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों पर 50 हजार से 2 लाख के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा 3 महीने से 5 साल की सजा भी हो सकती है। गंभीर मामलों में हमला करने वालों को 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है।
उन्होंने कहा कि महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन कर अध्यादेश लागू किया जाएगा। ऐसा अपराध अब संज्ञेय और गैर-जमानती होगा। 30 दिनों के अंदर जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि गाड़ी या क्लीनिक का नुकसान करने पर बाजार रेट से दोगुना नुकसान हमलावारों से वसूल किया जाएगा। अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के डॉक्टरों से बातचीत की थी। अमित शाह ने डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन देते हुए अपील की थी कि वे उनके द्वारा प्रस्तावित सांकेतिक प्रदर्शन न करें, सरकार उनके साथ है। अमित शाह के आश्वासन के बाद आईएमए ने हड़ताल पर जाने का फैसला वापस ले लिया। बता दें कि कोरोना वायरस के संकट के बीच देश में अलग-अलग हिस्सों में मेडिकल टीम पर हो रहे हमलों से नाराज देशभर के डॉक्टरों ने आज सांकेतिक हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था।
कोरोना पर सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों की जीनकारी देते हुए जावड़ेकर ने बताया कि देश में कोविड-19 के 723 अस्पताल बने हैं। इसके अलावा 1 लाख 86 हजार आइसोलेशन बेड तैयार हैं। 24 हजार आईसीयू और 12,190 वैंटिलेटर तैयार है। कोरोना का पहला मरीज मिलने के तीन महीने के भीतर इन सेवाओं का विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि आज 77 कंपनियां पीपीई बना रही हैं जबकि पहले हमारे पास एक भी फैसिलिटी नहीं थी। 1 करोड़ 88 लाख पीपीई का ऑर्डर है। 25 लाख एन-95 मास्क उपलब्ध हैं और ढाई करोड़ का ऑर्डर दिया गया है।