शराब से छुटकारा पाने वालो के लिए लॉकडाउन एक अच्छा अवसर: डॉ अनीता मोरल
कहते हैं जहाँ चाह होती है वहां राह होती है लेकिन इस बार मामला चाह का नहीं मज़बूरी का है | जी हाँ हम बात कर रहे है कुछ ऐसी आदतों की जिन्हे कई बार आदमी छोड़ने के चाहत तो रखता है लेकिन छोड़ नहीं पता है | इस बार मामला कुछ अलग ही हो चला है | देश भर में कोरोना के चलते होने वाले लॉकडाउन से शराब जैसी लत से छुटकारे की चाहत रखने वालो के लिए मज़बूरी में सही लेकिन एक राह निकल आई है |
इस वैश्विक महामारी के समय में जहाँ लॉकडाउन से इस बीमारी पर काबू पाने की कोशिश जारी है वही कई परिवारों में खुशियां भी लौट रही है | लम्बे समय से चले आ रहे इस लॉकडाउन के चलते शराब की बिक्री पर पूरी तरह पाबंदी लगी हुई है जिसकी वजह से ऐसे लोग जो शराब पीने के आदी हो चुके थे उनकी आदतें छुटने लगी है, कुछ महिलाओं से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि लॉकडाउन के समय में भले ही दैनिक जीवन की चीजें मिलने पर दिक्कतें आ रही हैं लेकिन शराब ठेको के बंद होने से पति की शराब की आदत छुड़ाने में मदद मिल रही है | महिलाओं के अनुसार उनके पति शराब के बदले में कुछ ऐसे विकल्प का इस्तेमाल कर रहे हैं जिनकी अगर लत भी लग जाए तो शरीर को नुकसान नहीं है |
कुछ लोग ऐसे भी है जो इसके लिए मनोचिकित्स्कों का सहारा भी ले रहे है और उनकी सलाह से काफी हद तक शराब पीने लत से छुटकारा पा रहे है | मनोवैज्ञानिक डॉ अनीता मोरल की मानें तो अल्कोहलिक लोगो को ऐसी स्थिति में ज्यादा समस्याएं आ रही है और वो टेली कॉउंसलिंग के जरिये उनको समझा रहे हैं कि वो कैसे अलग अलग विकल्पों से इससे छुटकारा पा सकते है | उनके अनुसार जी चीज़ लत लगी हो और वो काफी लम्बे समय से कोई न कर पाए तो ऐसे में किसी विकल्प के साथ वो आदत छूट सकती है |