ग्रीन एम्बुलेंस: लखनऊ को फिर बाग़ों का शहर बनाने में नगर निगम का एक सराहनीय प्रयास
लखनऊ: सामजिक संगठनों एवं वृक्ष प्रेमियों द्वारा गर्मी के मौसम को दृष्टिगत रखते हुए छोटे वृक्षों को जिन्हें नगर निगम अथवा स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा सिंचित किया जाता था, जो लाॅकडाउन के कारण सिंचित नही हो पा रहे हैं, को नगर निगम द्वारा सिंचित कराये जाने के अनुरोध पर “ग्रीन एम्बुलेंस” के माध्यम से लाॅकडाउन के दौरान छोटे वृक्षों/पौंधों को पानी देने का कार्य प्रारम्भ किया गया है।
नगर निगम ने एन0जी0ओ0, सामाजिक संगठनों, जो वृक्षों की देख-रेख करते हैं का एक “वृ़क्ष मित्र” वाट्सअप ग्रुप बनाया गया है जिसके एडमिन/प्रभारी गंगाराम गौतम, अधीक्षक उद्यान मोबाईल नम्बर-6389300092 हैं । इसके अतिरिक्त इस सम्बन्ध में एक “वृक्ष प्रकोष्ठ” का भी गठन किया गया है जिसके प्रभारी अधीक्षक उद्यान ही होंगे। उक्त प्रकोष्ठ प्रातः 8.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक संचालित रहेगा। इस हेतु जाकिर अली, लिपिक मोबाईल नम्बर 9140833150 तथा चाँद बाबू, लिपिक मोबाईल नम्बर 9935793959 उद्यान विभाग की ड्यूटी लगायी गयी है। इस कार्य के लिए नगर निगम ने 08 वाटर टैंकर/ग्रीन एम्बुलेन्स लगाये हैं जो प्रत्येक जोन के लिए एक-एक होंगे। इस सम्बन्ध में काॅल सेन्टर से प्राप्त होने वाली शिकायतें, जहाँ बल्क में लगे पौधों को पानी देना है अथवा जहाँ उद्यान विभाग द्वारा डिवाइडरों/चैराहों पर वृ़क्ष/पौधें रोपित किए गए हैं, को ग्रीन एम्बुलेंस के माध्यम से नियमित रूप से सिंचित करने का कार्य किया जाएगा।
नगर निगम के इस सराहनीय प्रयास के बारे में स्टार RTI एक्टिविस्ट सिद्धार्थ नारायण जो स्वयं एक वृ़क्ष मित्र हैं और प्रकृति से बेहद लगाव रखते हैं ने बताया कि उन्हें बड़ी प्रसन्नता हो रही है कि नगर निगम ने इस ओर एक सार्थक क़दम उठाया| उन्होंने बताया कि रिवर बैंक कालोनी एक हेरिटेज जोन है लेकिन यहाँ पर लगे पेड़ों की हालात बहुत खराब थी, इस बारे में उन्होंने 2014 में हाफिज उस्मान की RTI कोर्ट में एक वाद दायर करके विभाग की लापरवाई के बारे में बताया था| कोर्ट ने इस सम्बन्ध में सम्बंधित विभाग पर 25 का हज़ार का जुरमाना भी लगाया था| याचिकाकर्ता के अनुरोध पर विभाग द्वारा दो पेड़ भी लगाए गए थे जो उन पेड़ों के बराबर लगाए गए थे जिनकी हालत बहुत बुरी थी| श्री सिद्धार्थ नारायण विगत 6 वर्षों से इन पेड़ो की सेवा कर रहे हैं|
उन्होंने बताया कि जब उन्हें नगर निगम के इस प्रयास के बारे में पता लगा तो उनहोंने श्री गंगाराम गौतम से फ़ोन पर बात की| बात करने के आधे घंटे के अंदर उद्यान विभाग के दो कर्मचारी मौके पर पेड़ों को अच्छे तरीके से पानी देते हुए नज़र आये| श्री सिद्धार्थ ने बताया कि उन्हें यह जानकर बहुत हर्ष होता है कि गंगाराम गौतम जैसे अधिकारी अपने काम को पूरी गंभीरता के साथ करते हैं।
उन्होंने विशवास जताया कि नगर निगम के इस प्रयास में लोगों को भी पूरा साथ निभाना चाहिए ताकी बाग़ों का यह नवाबी शहर एक बार फिर बाग़ बन जाए| यक़ीनन यह नेचर की सेवा होगी, मानवता की सेवा होगी क्योंकि नेचर ज़िंदा रहेगा तो मानव ज़िंदा रहेगा|