सरकार ने फिर कहा, Corona Virus का कम्युनिटी ट्रांसमिशन फिलहाल नहीं
नई दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की अधिकता वाले 170 हॉटस्पॉट जिलों की पहचान की है। इसके अलावा संक्रमण के प्रभाव वाले 207 ऐसे जिले भी चिन्हित किये गये हैं, जो हॉटस्पॉट तो नहीं हैं लेकिन संक्रमण की वृद्धि दर को देखते हुये ये जिले संभावित हॉटस्पॉट की श्रेणी में रखे जा सकते हैं। मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बुधवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिये लॉकडाउन की अवधि बढ़ाये जाने के बाद सरकार की आगामी रणनीति का खुलासा करते हुये यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल तक देश के सभी जिलों में कोरोना संक्रमण को रोकने के उपायों का सख्ती से पालन और आकलन सुनिश्चित किया जायेगा।
अग्रवाल ने कहा कि इन जिलों के सर्वाधिक संक्रमण प्रभावित इलाकों में मरीजों की शीघ्र पहचान करने के लिये घर घर जाकर सर्वेक्षण किया जायेगा। इसके तहत जिले के स्वास्थ्य और राजस्व विभाग के अधिकारी घर घर जाकर खांसी, बुखार और सांस की तकलीफ वाले मरीजों की पहचान कर यह सुनिश्चित करेंगे कि इनमें कोरोना वायरस का संक्रमण तो नहीं है।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल से बढ़ाकर तीन मई तक करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये राज्यों में जिला स्तर पर किये जा रहे उपायों की 20 अप्रैल तक प्रत्येक जिले में गहन समीक्षा की जायेगी। समीक्षा में बेहतर काम कर रहे जिलों को 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन से सशर्त छूट मिलेगी।
अग्रवाल ने लॉकडाउन के दूसरे चरण की रणनीति के बारे में बताया कि 170 हॉटस्पॉट जिलों में संक्रमण वाले इलाकों में सघन अभियान चलाये जाने पर जोर दिया गया है। साथ ही गैर हॉटस्पॉट 207 जिलों में पूरा प्रयास किया जायेगा कि ये जिले हॉटस्पॉट की श्रेणी में शामिल न होने पायें।
उन्होंने बताया कि इसके लिये कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में राज्य और जिला स्तरीय अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक हुयी। इसमें अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया गया कि गृह मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी दिशानिर्देशों का पालन कैसे सुनिश्चित किया जाना है।
अग्रवाल ने कहा कि उन सभी जिलों को हॉटस्पाट माना गया है जिनमें किसी क्षेत्र में संक्रमण की दर अधिक है या मरीजों की वृद्धि दर दोगुना तक पायी गयी है। उन्होंने बताया कि जिन जिलों में संक्रमण की वृद्धि दर अपेक्षाकृत कम पायी गयी है, उन्हें संभावित हॉटस्पॉट की श्रेणी वाले जिलों में शामिल किया गया है। ऐसे 207 जिलों के अधिकारियों और संबद्ध राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि वे जिले में दिशानिर्देशों के मुताबिक संक्रमण को रोकने के सभी उपाय सुनिश्चित करें जिससे इन्हें हॉटस्पॉट बनने से रोका जा सके।
अग्रवाल ने कहा कि जिलों में स्थानीय स्तर पर भी संक्रमण को रोकने के लिये ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है जहां कम से कम 15 संक्रमित मरीज पाये गये हों। इन क्षेत्रों को ‘क्लस्टर’ के रूप में चिन्हित कर इनमें संक्रमण रोधी अभियान तेज करने के निर्देश दिये गये हैं।