2020-21 में भारत की जीडीपी विकास दर महज 1.9% रहने का अनुमान: IMF
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए देशव्यापी लॉकडाउन का देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इसे देखते हुए चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी विकास दर महज 1.9% रहने का अनुमान जताया है। लॉकडाउन के कारण तमाम उद्योगों का कामकाज बंद है और निर्यात भी काफी प्रभावित हुआ है। इससे पहले कई और रेटिंग एजेंसियां भारत के जीडीपी विकास दर अनुमान को घटा चुकी हैं।
फिच का यह है अनुमानकोरोना वायरस महामारी को रोकने को लिए देशभर में किए गए लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रतिकूल असर पड़ने जा रहा है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत के वृद्धि अनुमानों को घटाकर दो प्रतिशत कर दिया है। यह 30 साल का न्यूनतम स्तर होगा। पहले उसने अनुमान घटाकर 5.1 प्रतिशत किया था।
कोरोना वायरस संक्रमण तथा इसकी रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर कई दशक के निचले स्तर 1.6 प्रतिशत पर आ सकती है। गोल्डमैन सैश ने यह अनुमान व्यक्त किया है। कोरोना वायरस संकट से पहले भी नरमी के चलते वित्त वर्ष 2019-20 में देश की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
कोरोना वायरस के कारण देश में चल रहे लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है। इस बीच ब्रिटेन के प्रमुख बैंक बार्कलेज ने कैलेंडर ईयर 2020 में भारत की जीडीपी ग्रोथ शून्य फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इससे पहले बार्कलेज बैंक ने 2020 में जीडीपी ग्रोथ 2.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।