भारत में कोरोना नहीं कर रहा है उम्र में भेदभाव
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस महामारी का मामला बढ़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शनिवार (4 अप्रैल) को भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या बढ़कर 2902 हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या बढ़कर 68 हो गई।मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के 2650 रोगियों का इलाज चल रहा है, जबकि 183 लोगों का सफल इलाज किया जा चुका है। पिछले 12 घंटों में भारत में 355 नए मामलों की पुष्टि हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दैनिक प्रेस वार्ता में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने जानकारी दी है कि भारत में नौ फीसदी कोरोना के मरीज 0-20 की उम्र के बीच हैं। 42 फीसदी 20-40 आयुवर्ग के, 33 फीसदी मरीज 40-60 आयुवर्ग के और 17 फीसदी कोविड-19 पीड़ित 60 साल के ऊपर के हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि देश के 17 राज्यों में तब्लीगी जमात के मरकज में इज्तिमा से जुड़े लोगों में कोविड-19 संक्रमण के 1023 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं और देश में कोरोना वायरस के करीब 30 प्रतिशत मामले ‘एक खास स्थान’ से जुड़े हैं । स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने दैनिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत में कोविड-19 के मामलों के दुगुना होने की दर अन्य देशों की तुलना में कम है । उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण के अब तक कुल 2902 मामले सामने आए हैं और शुक्रवार के बाद से 601 मामले बढ़े हैं ।
संयुक्त सचिव ने कहा कि अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 68 लोगों की मौत हुई है । उन्होंने कहा कि शुक्रवार के बाद अब तक इसके कारण 12 लोगों की मौत हुई है । उन्होंने बताया कि अब तक 183 लोगों उपचार से ठीक हुए हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है । अग्रवाल ने कहा कि देश के 17 राज्यों में तब्लीगी जमात के मरकज में इज्तिमा से जुड़े लोगों में कोविड-19 संक्रमण के 1023 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि उन 17 राज्यों में संक्रमित लोगों का पता लगाने की कवायद तेज की गई है जहां तब्लीगी जमात मरकज से जुड़े मामले सामने आए हैं।