यूपी में होगा ‘कोरोना केयर कोष’ का गठन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए टीम भावना से कार्य करने की आवश्यकता है। राज्य स्तर पर विभिन्न कार्यों के समुचित व प्रभावी सम्पादन के लिए 11 कमेटियों का गठन कर कार्य विभाजन किया गया है। सभी जनपदों में इसी प्रकार कार्यों को नियोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनपदीय अधिकारियों की अलग-अलग कमेटियों को दायित्व सौंपकर विभिन्न कार्यों की जवाबदेही तय कर सम्पादन कराया जाए। जिलाधिकारी सभी कार्यों की माॅनीटरिंग करें एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रवर्तन सम्बन्धी कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर कोरोना वायरस कोविड-19 पर नियंत्रण के सम्बन्ध में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर अलग-अलग कार्यों के लिए कण्ट्रोल रूम के साथ ही एक समन्वित कण्ट्रोल रूम की व्यवस्था होनी चाहिए। कण्ट्रोल रूम 24 घण्टे क्रियाशील रहे, इसके लिए 03 शिफ्टों में ड्यूटी लगायी जाए। सभी काॅल को रिसीव कर समस्याओं और शिकायतों का प्रभावी निस्तारण कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस कोविड-19 की आपदा से निपटने के लिए जनपदों को धनराशि उपलब्ध करायी जा चुकी है। इस धनराशि के अतिरिक्त, इच्छुक संस्थाओं से सहयोग प्राप्त कर राहत कार्य सम्पन्न कराए जाएं। शेल्टर होेम्स में भोजन, पेयजल, शौचालय, सुरक्षा के अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि फायर ब्रिगेड के साथ-साथ चीनी मिलों के पास भी सेनिटाइजेशन के अच्छे उपकरण उपलब्ध रहते हैं। जिन क्षेत्रों में चीनी मिलें स्थापित हैं, उसके आसपास के इलाकों में चीनी मिलों के साथ समन्वय कर सेनिटाइजेशन कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एक कोरोना केयर कोष गठित करने जा रही है। इस कोष का उपयोग मेडिकल काॅलेजों में कोरोना सम्बन्धी उपचार की व्यवस्था को सुदृढ़ करने, टेस्टिंग किट, पी0पी0ई0 किट, वेण्टीलेटर्स, क्वाॅरेण्टीन व आइसोलेशन वाॅर्ड तथा टेलीमेडिसिन आदि के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में लेवल-1 व लेवल-2 के अस्पतालों की स्थापना की जाए। 102, 108 एवं ए0एल0एस0 एम्बुलेंस को पूरी तरह कार्यशील रखा जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एप्रूव्ड एन-95 मास्क व पी0पी0ई0 किट का ही उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि क्वारेन्टाइन वाॅर्ड व आइसोलेशन वाॅर्ड अलग-अलग बनाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना प्रभावित व्यक्तियों को चिन्ह्ति करने के लिए सर्विलांस सिस्टम का अत्यन्त प्रभावी होना आवश्यक है, जिससे कोरोना पाॅजिटिव व्यक्ति को चिन्ह्ति कर आइसोलेट किया जा सके। अन्य लोगों में संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए यह सर्वाधिक आवश्यक है। इसके लिए प्रभावी मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपद में आयुष चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, आर्मी मेडिकल कोर के अधिकारियों, केन्द्र व राज्य सरकार के सेवानिवृत्त चिकित्सा कर्मियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। मेडिकल टीम के क्वारेन्टाइन के लिए अलग प्रोटोकाॅल है। इसके लिए अभी से व्यवस्था कर ली जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 23 करोड़ जनता के स्वास्थ्य और भविष्य की सुरक्षा के लिए लाॅकडाउन को शत-प्रतिशत सफल बनाना जरूरी है। इसके लिए पेट्रोलिंग की कार्रवाई को और सुदृढ़ किया जाए। बिना परमिट के किसी भी व्यक्ति को आवागमन की अनुमति न दी जाए। लाॅकडाउन का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आपदा एक्ट-2005 के अंतर्गत एफ0आई0आर0 दर्ज कर प्रभावी कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जनपद में धर्म गुरुओं और समाज के अलग-अलग वर्गों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित किया जाए। जनप्रतिनिधियों के साथ भी संवाद कायम किया जाए। इन सभी के माध्यम से आमजन से लाॅकडाउन का पालन करने तथा कोरोना से बचाव के उपायों को अपनाने की अपील मीडिया में करायी जाए। संवाद के दौरान सोशल डिस्टेन्सिंग व कोरोना वायरस कोविड-19 से बचाव के सभी उपाय अपनाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल उपकरणों के लिए कच्चा माल एवं आवश्यक वस्तुओं यथा खाद्यान्न, सब्जी आदि की आपूर्ति की निरन्तरता बनायी रखी जाए। एन0सी0सी0 व एन0एस0एस0 से जुड़े स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण कराया जाए। बैंकों में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन कराने के लिए केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों का प्रचार-प्रसार कराया जाए। उन्होंने कहा कि सभी कार्यों में सोशल डिस्टेन्सिंग सहित कोविड-19 से बचाव के उपायों का पालन सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राजकीय, संविदा, आउटसोर्सिंग कर्मी के वेतन का भुगतान माह के प्रथम सप्ताह में करा दिया जाए। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल, 2020 को लाॅकडाउन खोलने के लिए कार्ययोजना बनायी जा रही है। कार्ययोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए पहले से तैयारी कर ली जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी जनपद में कोई भी समस्या होने पर राज्य स्तर पर गठित 11 कमेटियों के माध्यम से समाधान कराया जाए। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी सदैव टेलीफोन पर उपलब्ध हैं।