मेरठ पुलिस का मानवीय चेहरा, लॉकडाउन में ग़रीबों का भर रही है पेट
आमतौर पर पुलिस का नाम आते ही लोगों के मन में एक नकारात्मक छवि उभर आती है लेकिन यह सच नहीं है| इस वीडियो से आप आसानी से अंदाज़ा लगा सकते हैं कि पुलिस वालों के दिल में भी दया होती है, प्रेम होता है, कर्तव्यपरायणता होती है| हर मुश्किल परिस्थिति में हमारी पुलिस आगे बढ़कर जनता की सेवा में तत्पर नज़र आती है|
यह वीडियो मेरठ के नौचंदी थाने की है जहां महिला कांस्टेबल अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद गरीबों के लिए खाना बना रही हैं और पुरुष स्टाफ उस खाने को गरीबों में वितरित कर रहा है | यह काम इन लोगों की ड्यूटी में शामिल नहीं है लेकिन देश हित में यह पुलिस अपनी रूटीन ड्यूटी के अलावा यह सराहनीय काम कर रही है। मेरठ का थाना नौचंदी इन दिनों करीब 75 परिवारो के ढाई सौ लोगों का पेट भर रहा है।
शहर के 34 थानों की पुलिस लगभग 5000 से ज्यादा लोगों का खाना मुहैया कराती है। बात करें अगर नौचंदी पुलिस की तो इलाके के करीब ऐसे 75 परिवारों को चिन्हित किया गया है। जो दाने दाने के लिए मोहताज हैं। लॉक डाउन के समय अपनी रोजी-रोटी नहीं कमा सकते और ऐसे में पुलिस उन्हें खाना पहुंचा रही है। इसके अलावा और भी मदद की गुहार पुलिस से लगाते हैं उनके लिए भी पुलिस खाना मुहैया कराती है। पुलिस की इस दरियादिली को देखकर लोग हैरान हैं। अभी तक उन्हें पुलिस के इस मानवीय चेहरे का पता नहीं था। लेकिन देश के ऐसे हालातों में पुलिस भगवान बन कर गरीबों की मदद कर रही है।
ऐसे में मेरठ पुलिस को सलाम तो बनता है|