बहराइच एक और मस्जिद कुरैशा में मिले इण्डोनेशिया के 10 मौलाना
दो भाषा अनुवादको समेत सभी को मस्जिद मे किया गया कोरन्टाइन
रिपोर्ट-रमेश चन्द्र गुप्ता
बहराइच: बहराइच के नगर क्षेत्र की एक मस्जिद में थाईलैण्ड के 7 मौलनाओ के मिलने के बाद जहां प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के समक्ष बड़ी समस्या खड़ी हो गई। वहीं नगर के बशीरगंज मोहल्ले की कुरैशा मस्जिद में इण्डोनेशिया के 10 मौलानाओ और भाषा अनुवादक दो सहयोगियों के मिलने के बाद उन्हें मस्जिद मे ही कोरन्टाइन किया गया। ये सभी विदेशी 7 फरवरी को भारत आये थे और 21 फरवरी से बहराइच मे रह रहे है। दूसरी ओर जिले की मस्जिदो में विदेशी मौलानाओ के होने की जानकारी न होना जिला प्रशासन की व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
दिल्ली के निजामुद्दीन तबलीगी जमात में सैकड़ो विदेशियो के साथ ही उत्तर प्रदेश के कई शहरो के मौलानाओ के शामिल होने की सूचना के बाद प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने पत्र जारी कर हजरत निजामुद्दीन नईदिल्ली के कन्वेन्शन व अन्य गतिविधियों में शामिल लोगो को चिन्हित कर उन सभी का मेडिकल परीक्षण कराने तथा सूची भेजने के साथ कृत कार्यवाही से पुलिस मुख्यालय को अवगत कराने के निर्देश दिये। पुलिस महानिदेशक के पत्र के बाद जिले के पुलिस प्रशासन मे हड़कम्प मच गया और तबलीगी जमात के लोगो की खोजबीन शुरू की गई।
पुलिस महानिदेशक के निर्देश तबलीगी जमात के विदेशी मौलानाओं की खोज शुरू की गई और नगर के मोहल्ला महोलीपुरा स्थित ताज मस्जिद में थाईलैण्ड के 7 मौलानाओं के साथ मणिपुर व गोवा के दो भाषा अनुवादक सहयोगियों तथा बशीरगंज मोहल्ले की कुरैशा मस्जिद में इण्डोनेशिया के 10 मौलानाओ के साथ मुम्बई के दो भाषा अनुवादको की बरामदी हुई। जिला प्रशासन ने कुरैशा मस्जिद मे मिले इण्डोनेशिया के 10 मौलानाओ व उनके दो सहयोगियों को मस्जिद मे ही कोरन्टाइन किया गया।
पुलिस कप्तान विपिन कुमार मिश्र कहना है कि निर्धारित अवधि के बाद भी लाकडाउन के चलते सभी विदेशी मौलाना मस्जिदो में रूक गये थे। सभी विदेशियो में कोरोना के लक्षण नही पाये गये है और जांच मे कोरोना की पुष्टि नही हुई है। इनकी वीजा अवधि बढ़ाने का काम प्रत्यावेदन मिलने के बाद किया जायेगा। उन्होने बताया कि जिले के दरगाह थाना क्षेत्र के मौलाना आदिल की दिल्ली के तबलीगी जमात के कन्वेन्शन मे शामिल होने की बात सामने आयी है पर सर्विलांस से मोबाइल की जांच पड़ताल की गई तो उसकी मौजूदगी दिल्ली में ही पायी गयी।
दूसरी ओर दिल्ली के निजामुद्दीन तबलीगी जमात के कन्वेन्शन में शामिल होने जिले के कितने मौलाना गये थे। उनकी जानकारी एकत्र करने में पुलिस विभाग तंत्र को दिक्कते आ रही है। इसकी जानकारी एकत्र करने के लिये जिले के खुफिया विभाग व जिले के सभी थानो की पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। दूसरी ओर नगर की मस्जिदो में विदेशियो के रूके होने की जानकारी प्रशासन को नही होना पुलिस व जिला प्रशासन की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाता है।
एक ओर प्रशासन द्वारा विदेश से लौटे नागरिको व गैर प्रान्तो से लौट रहे कामगारो की सूची तैयार कर चिन्हित किया जा रहा है और उनकी जांच की जा रही है। वहीं दूसरी ओर मस्जिदो में रूके विदेशियो की जानकारी प्रशासन को न देकर मस्जिद प्रबंधको व मौलानाओ द्वारा छिपाया जाना गंभीर प्रकरण है।