बहराइच: कोरोना के संदिग्धों को बिना रक्त जांच भेजा गया घर
रिपोर्ट-रमेश चन्द्र गुप्ता
बहराइच: बहराइच बस स्टेशन पर तैनात चिकित्सा टीम द्वारा जांच के दौरान एम्बुलेंस की मदद से आईसोलेशन वार्ड भेजे गये 5 कोरोना संदिग्ध कामगारों को वापस भेजे जाने से कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ गया है।
ज्ञात हो कि रविवार को बड़ी तादाद मे आये कामगारो मे से 8 कामगारो को कोरोना के संक्रमण के लक्षण नजर आये, जिन्हे स्वास्थ्य टीम ने रोक दिया। बाद में इनमे से 5 कामगारो को पुनः जांच कर घर जाने दिया गया और 3 कोरोना संदिग्धो को एम्बुलेंस की मदद से आईसोलेशन वार्ड भेजा गया। इसके उपरान्त देर शाम में 2 अन्य कामगारो को भी कोरोना लक्षण के चलते एम्बुलेंस की मदद से आईसोलेशन वार्ड भेजा गया। रोडवेज बस स्टेशन पर तैनात चिकित्सा दल के सदस्यों के अनुसार उन सभी कामगारो को कोरन्टाइन हेतु 14 दिनो के लिये कोरोना आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है या नही, इस बारे में उनको कोई जानकारी नही। वही संदिग्ध कामगारो के सम्बन्ध में कन्ट्रोल रूम से जानकारी करने पर पता चला कि सभी को जांच के बाद उनके घरो के लिये जाने दिया गया। जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच हेतु न तो संदिग्धो के रक्त के नमूने लिये गये और न ही 14 दिनो के लिये सभी को कोरन्टाइन किया गया। जबकि केन्द्र सरकार द्वारा सख्त हिदायत है कि बाहर से लौटे कामगारो को 14 दिनो के लिये कोरन्टाइन किया जाये। ऐसी स्थिति में सभी संदिग्धो को बिना रक्त जंाच कराये छोड़ दिये जाने से आने वाले दिनो में समस्या गंभीर हो सकती है।
लाकडाउन के छठे दिन स्क्रनिंग के बाद हजारो कामगार भेजे गये गन्तव्य की ओर
बहराइच: कोरोना कोहराम के बीचे आज भी हरियाणा, दिल्ली व पंजाब से लौटे रहे कामगारो के आने का सिलसिला जारी रहा। बाहर से करीब 15 सौ श्रमिक बस स्टेशन पर पहंुचा और बस स्टेशन पर तैनात स्वास्थ्य विभाग व तहसील प्रशासन की टीम ने स्क्रेनिंग व सूचीबद्ध कर सभी को गन्तव्य की ओर रवाना किया। आने वाले कामगारो में बलरामपुर, श्रावस्ती, गोण्डा, गोरखपुर के अलावा बेतिया बिहार के भी लोग शामिल थे।
रविवार की देर रात व सोमवार की सुबह भी गैर प्रान्तो से कामगारो के आने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा। बस स्टेशन के सामने कैम्प लगाये स्वास्थ्य विभाग व तहसील प्रशासन ने जाचं के उपरान्त पंजीयन रजिस्टर में दर्ज कामगारो की संख्या 974 बतायी गयी। इनमंे वे लोग सम्मिलित नही जो दूसरे मार्गो से अपने-अपने गांवो की ओर बगैर डाक्टरी परीक्षण के कूच कर गये।