केवल lockdown काफी नहीं, अपनाना होगा GPS विकल्प : विशेषज्ञ
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए राज्यों की जरूरत के आधार पर पहली कार्ययोजना दिल्ली के लिए बनाने वाले ‘यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान’ (आईएलबीएस) के निदेशक डॉक्टर एस. के. सरीन ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को सुझाव दिया है कि भारत को संक्रमण रोकने के लिए प्रत्येक संदिग्ध मरीज के संपर्क में आए हर एक व्यक्ति की पहचान के लिए चीन और दक्षिण कोरिया की तर्ज पर जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल करना होगा।
उनका मानना है कि वायरस का संक्रमण तीसरे चरण में जाने से रोकने के लिए सभी राज्यों को तत्काल तीसरे चरण की तैयारियों को लागू करना जरूरी है। डॉक्टर सरीन ने बताया कि वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के संक्रमण की दर और कोरोना समूह के वायरस की प्रकृति को देखते हुए भारत में राज्यों के स्तर पर प्रत्येक राज्य में संक्रमण के प्रसार की गति के मुताबिक रणनीति बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि दिल्ली के लिए जो रणनीति बनाई गई है उसमें प्रतिदिन 100 मरीज, फिर 500 मरीज और तब 1000 मरीज तक सामने आने वाली तीन स्थितियों के लिए कार्ययोजना लागू की है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दिल्ली या देश तीसरे चरण में पहुंच गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए अब राज्यों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी रणनीति लागू करने के लिए संक्रमण के किसी चरण की घोषणा होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है।
डॉक्टर सरीन ने बताया कि अगर हमें संक्रमण के तीसरे चरण में जाने से बचना है तो कुछ कदम उठाने होंगे। पहला, संक्रमण के संदिग्ध लोगों के संपर्क में आए प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचने के लिए जीपीएस (GPS) जैसी तकनीकों का सहारा लेना होगा। दूसरा जरूरी काम जनता की भागीदारी सुनिश्चित करना है।