कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सेना ने शुरू किया ‘ऑपरेशन नमस्ते’
नई दिल्ली: कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए भारत युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन किया हुआ है। इस घातक वायरस से लड़ने के लिए भारतीय सेना की भी तैयारियां जोरों पर हैं और उसने अब तक देश में आठ क्वारनटीन सेंटर बनाए हैं। बता दें, कारोना के भारत में अबतक 724 मरीज सामने आ चुके हैं और 17 लोगों की मौत हो चुकी है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सेना ने कोविड 19 के खिलाफ चलाए जाने वाले ऑपरेशन को 'ऑपरेशन नमस्ते' नाम दिया है। उसने बताया है कि सेना अब तक देश में 8 क्वारनटीन सेंटर बना चुकी है।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि सेना अतीत में सभी अभियानों में सफल हुई है और 'ऑपरेशन नमस्ते' को भी सफलतापूर्वक अंजाम देगी। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि आर्मी चीफ होने के नाते मेरी प्राथमिकता अपनी सेना को सुरक्षित रखना है। हम तभी अपनी ड्यूटी निभा पाएंगे जब हम कोरोना वायरस की बीमारी से दूर रहेंगे। अगर हमें अपने देशवासियों की मदद करनी है तो हम ये मदद तभी कर पाएंगे जब हम सुरक्षित होंगे, फिट होंगे।
दरअसल, सेना की उत्तरी कमान ने छुट्टी या बाहरी ड्यूटी से लौट रहे अपने जवानों से कहा है कि वे सीधे विभिन्न ट्रांजिट कैंपों में स्थापित स्क्रीनिंग केंद्रों पर रिपोर्ट करें। कोरोना वायरस के प्रसार पर काबू पाने के लिए किए जा रहे उपायों के तहत यह कदम उठाया गया। एक अधिकारी ने कहा कि मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद जवानों को 14 दिनों के लिए पृथक रखा जा रहा है।
उत्तरी कमान के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल अभिनव नवनीत ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारतीय सेना के प्रयासों में गति आई है। सेना द्वारा अपने कर्मियों के बीच महामारी को रोकने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं ताकि वे अपने प्राथमिक कार्य के लिए उपलब्ध रहें और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में लोगों की मदद कर सकें। सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए, बैरकों में बिस्तरों के बीच की दूरी बढ़ाई गई है, डाइनिंग हॉल में भीड़ से बचने के लिए कदम उठाए गए हैं। इकाई स्तर पर सेना के सभी कर्मियों द्वारा गतिशील और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया गया है।