सरकार ने तय की सैनिटाइजर और मास्क की कीमत
नई दिल्ली: कोरोना के मद्देनजर देश में मास्क और हैंड सैनिटाइजर की डिमांड काफी बढ़ गई है। डिमांड बढ़ने के कारण इसकी कालाबाजारी शुरू हो गई है और कीमत कई गुना बढ़ चुकी है। ऐसे में उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने ट्वीट कर कहा कि हैंड सैनिटाइजर की 200 मिलीमीटर की बोतल की खुदरा कीमत 100 रुपये से अधिक नहीं होगी। अन्य आकार की बोतलों की कीमत भी इसी अनुपात में रहेंगी। ये कीमतें 30 जून 2020 तक पूरे देश में लागू रहेंगी।
ट्वीट में कहा गया है कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 2 और 3 प्लाई मास्क में इस्तेमाल होने वाले फैब्रिक की कीमत वही रहेगी जो 12 फरवरी 2020 को थी। 2 प्लाई मास्क की खुदरा कीमत 8 रुपये और 3 प्लाई की कीमत 10 रुपये से अधिक नहीं होगी। कोरोना वायरस के फैलने के बाद से बाजार में विभिन्न फेस मास्क, इसके निर्माण में लगने वाली सामग्री और हैंड सैनिटाइजर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि देखी गई है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इनकी कीमतें तय कर दी हैं।
पिछले दिनों उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने मास्क और हैंड सैनिटाइजर को जरूरी उत्पादों की लिस्ट में शामिल किया था। कोरोना वायरस के फैलने के साथ इन दोनों उत्पादों की कमी और कालाबाजारी के कारण यह कदम उठाया गया था। जरूरी उत्पाद कानून (असेंशियल कमोडिटी ऐक्ट) के तहत राज्य सरकारों को अब इन उत्पादों की कीमतें तय करने का अधिकार है। अब अगर कोई भी विक्रेता इसे MRP (मैक्सिमम रीटेल प्राइस) से ज्यादा कीमत पर बेचेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
जब से कोरोना का खौफ फैला है, मास्क और हैंड सैनिटाइजर की डिमांड काफी बढ़ गई है। डिमांड बढ़ जाने के कारण इसकी कीमत में भी भारी उछाल आया है। सर्जिकल मास्क जो पहले 10 रुपये में बिकता था अब वह 40-50 रुपये में बिक रहा है। N95 मास्क जिसकी कीमत 150 रुपये के करीब होती है वह 500 रुपये के करीब बिक रहा है।
जरूरी उत्पाद लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद राज्य सरकारें अब ऐसे वेंडर और दुकानदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती हैं जो कीमत बढ़ाकर इसे बेच रहे हैं। असेशिंयल कमोडिटी ऐक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की सजा, जुर्माना और दोनों का प्रावधान है। सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि मास्क और सैनिटाइजर की सप्लाई में कोई कमी नहीं आए।