फ्लोर टेस्ट के लिए कमलनाथ सरकार ने SC से मांगी 2 सप्ताह की मोहलत
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में सत्ता के लिए चल रहे सियासी रस्साकशी के बीच आज नई दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई। शिवाराज सिंह चौहान की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई के समय कमलनाथ सरकार व स्पीकर की ओर से अपनी बात रखते हुए वरिष्ठ वकील ए.एम. सिंधवी ने कहा कि अदालत बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए उन्हें दो सप्ताह जितना पर्याप्त समय दे। तब तक प्रदेश के सभी विधायक वापस कर्नाटक से अपने प्रदेश में लौट आएं।
बता दें कि इस मामले में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम कोई रास्ता निकालना चाहते हैं। ये केवल एक राज्य की समस्या नहीं है, बल्कि ये राष्ट्रीय समस्या है। आप यह नहीं कह सकते कि मैं अपना कर्तव्य तय करूंगा और दोष भी लगाऊंगा। हम उनकी स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए परिस्थितियों बना सकते हैं कि इस्तीफे वास्तव स्वैच्छिक है। हम एक पर्यवेक्षक को बेंगलुरु या किसी अन्य स्थान पर नियुक्त कर सकते हैं। वे आपके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर जुड़ सकते हैं और फिर आप निर्णय ले सकते हैं।
इसके अलावा मध्य प्रदेश में सियासी संग्राम पर सुनवाई शुरू होते ही धारदार बहस शुरू हो गई है। स्पीकर की ओर से पेश हो रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह स्पीकर का अधिकार है कि वह चुने कि किसका इस्तीफा स्वीकार किया जाना है और किसका नहीं।