क्या फांसी देने से रूक जाएंगे अपराध
निर्भया मामले में पूर्व जस्टिस कुरियन ने उठाया सवाल
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस कुरियन जोसफ ने निर्भया के दोषियों की फांसी की सजा दिए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इन्हें फांसी पर लटका कर क्या ऐसे अपराध रूक जाएंगे। अगर ऐसे अपराध करने वालों को हमेशा के लिए जेल भेज दिया जाएगा, तो इससे समाज में मैसेज जाएगा।
जस्टिस कुरियन ने कहा कि बच्चन सिंह के मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मौत की सजा रेअरेस्ट ऑफ रेयर (दुर्लभतम ) मामलों में ही दी जा सकती है और वह भी तब जब सारे विकल्प निर्विवाद रूप से खत्म हो जाएं। अगर ऐसे अपराध को अंजाम देने वालों को हमेशा के लिए जेल में डाल दिया जाएगा, तो समाज को बताया जा सकता है कि अगर कोई भी इस तरह के अपराधों में शामिल होता है, तो वो हमेशा के लिए सलाखों के पीछे होंगे, जबकि लोग फांसी के बाद भूल जाते हैं।
निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी दी जाएगी। दोषियों की सभी अपील खत्म होने के बाद दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वॉरंट जारी किया था। हालांकि अभी भी दोषी अपने कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हें राहत नहीं मिल पाई है। तिहाड़ जेल प्रशासन ने निर्भया के गुनहगारों को फांसी देने की तैयारी शुरू कर दी है। यूपी के मेरठ से पवन जल्लाद तिहाड़ जेल पहुंच गए हैं। फांसी से एक दिन पहले 19 मार्च को डमी को फांसी देकर टेस्टिंग की जाएगी।
जस्टिस कुरियन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के राज्यसभा के लिए नामांकन को लेकर भी सवाल उठा चुके हैं। अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ में शामिल रह चुके गोगोई के राज्यसभा के लिए मनोनयन को स्वीकार करने के फैसले की आलोचना करते हुए जस्टिस कुरियन ने मंगलवार को कहा था कि इससे न्यायपालिका में लोगों का भरोसा डगमगा गया है। जस्टिस गोगोई ने न्यायपालिका की निष्पक्षता और स्वतंत्रता से समझौता किया है।