मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा- केंद्र सरकार पुनर्विचार करे

हैदराबाद: तेलंगाना विधानसभा ने सोमवार को सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव किया है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि लाखों लोग हैं जिनके पास सही दस्तावेज नहीं हैं। इसलिए केंद्र सरकार को सीएए के बारे में सोचना चाहिए। इस तरह सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला तेलंगाना सातवां राज्य बन गया है, इससे पहले केरल, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित हो चूका है|

प्रस्ताव में आग्रह किया गया कि भारत में लोगों के एक बड़े वर्ग के बीच आशंकाओं के मद्देनजर "किसी भी धर्म, या किसी भी विदेशी देश के सभी संदर्भों को हटाने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम" में संशोधन किया जाए। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव द्वारा रखे गए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि सदस्य राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर के प्रस्तावित कार्यान्वयन से चिंतित थे, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग बाहर हो सकते हैं।

इससे पहले दिसंबर में केरल विधानसभा ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को रद्द करने की मांग वाला प्रस्ताव पारित किया था। सत्तारूढ़ सीपीएम के नेतृत्व वाले गठबंधन एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने विधानसभा में सीएए के विरोध में पेश प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि भाजपा के एकमात्र सदस्य ने इसका विरोध किया। सीएए को वापस लेने की मांग वाले प्रस्‍ताव को पारित पर केरल के राज्‍यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान ने कहा था कि इस प्रस्‍ताव की कोई कानूनी या संवैधानिक वैधता नहीं है क्योंकि नागरिकता का मसला केंद्र का है।

बता दें कि इसके अलावा पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभाओं में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 12 मार्च को राज्यसभा में जानकारी दी थी कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनपीआर) को अपडेट करने के लिए किसी तरह के दस्तावेज को दिखाने की जरूरत नहीं है और जो कुछ जानकारी मांगी जा रही है, वो वैकल्पिक हैं।