संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से कोई खतरा नहीं: AIIMS
नई दिल्ली: क्या कोरोना मरीज के शव से भी संक्रमण हो सकता है। इसका जवाब है- 'ना'। प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी AIIMS के डॉक्टर बताते हैं कि कोरोना खांसने या छींकने से फैलता है न कि मृतक के शव से। दरअसल, COVID-19 के केंद्र वुहान से ऐसी खबरें आती रही हैं कि अंतिम संस्कार के लिए शव परिवार को नहीं दिए गए और 14 दिनों बाद सिर्फ परिवार को राख ही सौंपा गया। उन्हें शव को छून और देखने तक नहीं दिया गया। अब जब भारत में भी 2 मौतें हो चुकी हैं तो उनके परिजनों में असमंजस की स्थित है कि उन्हें अपनों का शव सौंपा जाएगा या नहीं।
एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया कहा, 'कोरोना वायरस शवों से नहीं फैल सकते। यह रेस्पायरेटरी सीक्रेशन से फैलता है। वायरस के प्रसार के लिए खांसी जरूरी है। इसलिए संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने से कोई खतरा नहीं है।'
कोरोना वायरस के प्रसार जैसे-जैसे बढ़ रहा है वैसे-वैसे लोगों में इसको लेकर कई तरह के भ्रम भी पैदा हो रहे हैं। संक्रमण के डर से लोग सड़कों पर हर तरफ मास्क लगाए घूम रहे हैं। उनके इसी भय को देखते हुए केंद्र, राज्य सरकारें और डॉक्टर नियमित रूप से अपने संदेश के माध्यम से उनका आशंका दूर करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि किसी तरह की घबराहट न मचे।