मध्य प्रदेश में शुरू हुआ अब विधायकों को छुपाने का खेल
भोपाल: मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद अब बीजेपी और कांग्रेस में शह-मात का खेल शुरू हो गया है। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया है कि बागी विधायक सीएम कमलनाथ के संपर्क में हैं और वापस लौटने को तैयार हैं। उधर, बीजेपी ने भी बागी विधायकों को अपने साथ बनाए रखने और अपने विधायकों को तोड़ने से रोकने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। इसी को देखते हुए अब विधायकों को छिपाने का खेल शुरू हो गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने दावा किया है कि 19 बागी विधायक हमारे संपर्क में हैं और वे वापस लौटने को तैयार हैं। इस बीच पूरे मामले में उस समय नया मोड़ गया जब सिंधिया के समर्थक एक विधायक ने कहा है कि हम 'महाराज' के साथ हैं लेकिन बीजेपी के नहीं। उन्होंने ज्योतिरादित्य से अलग दल बनाए जाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि यह विधायक लगातार बीजेपी के खिलाफ सियासत करके आगे बढ़े हैं।
इस बीच बीजेपी ने अपने विधायकों को किसी टूट फूट से बचाने के लिए हरियाणा के मानेसर में शिफ्ट कर दिया है। उधर, कांग्रेस पार्टी भी अपने विधायकों को जयपुर भेज रही है। जयपुर के एक रिजॉर्ट में कांग्रेस के विधायकों के रुकने के कमरे बुक किए गए हैं। कांग्रेस को डर सता रहा है कि कहीं उसके और ज्यादा विधायक न टूट जाएं। इससे पहले मंगलवार को सीएम कमलनाथ की बैठक में मात्र 88 कांग्रेस विधायक और 4 निर्दलीय ही पहुंचे थे। वहीं 22 बागी विधायक अभी भी बेंगलुरु के एक होटल में रुके हुए हैं।
कमलनाथ सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले कर्नाटक के नेता डीके शिवकुमार मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने कहा है कि बागी विधायक उनके साथ संपर्क में हैं और इनमें से ज्यादातर लोग वापस लौटना चाहते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 'कर्नाटक में 19 विधायक पुलिस हिरासत में हैं।' उधर, इस संकट से उबारने के लिए सोनिया गांधी ने हरीश रावत और मुकुल वासनिक को भेजा है। साथ ही बागियों को मनाने के लिए एमपी के मंत्री गोविंद सिंह और सज्जन वर्मा बेंगलुरु पहुंच गए हैं।