दिल्ली हिंसा की कवरेज पर सरकार ने 2 टीवी चैनलों पर लगाया प्रतिबन्ध
नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा में RSS और दिल्ली पुलिस की आलोचना करने और एक समुदाय विशेष का पक्ष लेने के आरोप में केंद्र सरकार ने दो टीवी चैनलों पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने जिन दो टीवी चैनलों पर बैन लगाया है वो मलयालम न्यूज चैनल एशियानेट न्यूज और मीडिया वन न्यूज हैं। यह प्रतिबंध शुक्रवार (06 मार्च) की शाम 7.30 बजे से अगले 48 घंटे तक के लिए लगाया गया है।
दोनों प्रतिबंधित चैनलों पर आरोप है कि दिल्ली दंगों के दौरान रिपोर्टिंग में “किसी विशेष समुदाय के पूजा स्थल पर हमले की खबर दिखाई गई है और उस पर एक समुदाय का पक्ष लिया गया। मीडिया वन न्यूज को भेजे गए मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि चैनल के “सवाल आरएसएस और दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाता है।” यह “दिल्ली पुलिस और आरएसएस के प्रति आलोचनात्मक लगता है।”साथ ही चैनल का रवैया “सीएए समर्थकों की बर्बरता” पर केंद्रित है।
मंत्रालय ने केबल टीवी नेटवर्क (विनियम) अधिनियम, 1995 के कार्यक्रम संहिता के कथित उल्लंघन का हवाला देते हुए चैनल को दो अलग-अलग आदेश शुक्रवार को जारी किए हैं।
मीडिया वन न्यूज के प्रधान संपादक सी एल थॉमस ने केंद्र सरकार के इस फैसले को “मीडिया की स्वतंत्रता पर सरकार का सबसे बड़ा अतिक्रमण” बताया है।
उन्होंने कहा, “भारत के इतिहास में, ऐसा प्रतिबंध कभी नहीं लगा है। आपातकाल के समय, मीडिया पर प्रतिबंध थे। लेकिन अभी देश इमरजेंसी से नहीं गुजर रहा है। टीवी चैनलों पर रोक लगाने का निर्णय देश के सभी मीडिया घरानों के लिए एक चेतावनी है कि उन्हें सरकार की आलोचना नहीं करनी चाहिए।” बता दें कि मीडिया वन न्यूज का स्वामित्व माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड के पास है, जो जमात-ए-इस्लामी द्वारा समर्थित है।
एशियानेट न्यूज अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर के स्वामित्व में है। चंद्रशेखर के पास आरसी स्टॉक एंड सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, जुपिटर ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर और मिन्स्क डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड है। वो जुपिटर कैपिटल के मालिक हैं, जो एशियानेट न्यूज चलाने वाली एशियानेट न्यूज नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाली कंपनी है।