यस बैंक क्राइसिस: लम्बी लाइनों से याद आयी नोटबंदी की याद
नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर के Yes Bank के खातों से महीने में 50,000 रुपये ही निकालने की सीमा तय होने के बाद से ग्राहकों में हड़कंप मच गया है। यस बैंक को लेकर खबर मिलते ही ग्राहक एटीएम पर अपनी जमा पूंजी निकालने के लिए दौड़े। हर किसी की कोशिश थी कि मुश्किल में फंसे बैंक से वे अपनी जमा पूंजी निकाल लें। हालांकि एटीएम बंद थे और नेट बैंकिंग भी नहीं चल रहे, जिससे पैसे ट्रांसफर भी नहीं किए जा सकते। इन हालातों ने 2016 में हुई नोटबंदी की याद दिला दी, जब लोग अपनी ही जमा पूंजी के लिए घंटों कतारों में लगे दिखे थे।
खासतौर पर सैलरी आने के दिनों में यह यस बैंक पर इस पाबंदी ने ग्राहकों को बड़े संकट में डाल दिया है। यस बैंक में 16 लाख रुपये की एफडी जमा करने वाली एक महिला इस घटना से बदहवास दिखीं और रोते हुए कहा कि हमारा घर अब कैसे चलेगा। महिला ने एक टीवी चैनल से बातचीत में बताया, ‘मेरा 9 लाख रुपये एफडी के तौर पर जमा है और मुझे बिजली बिल भी भरना है। बीपी, डायबिटीज जैसी बीमारियां हैं और मुझे बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी इस एफडी के ब्याज पर ही गुजारा करती हूं।’ उन्होंने कहा कि बैंक के लोगों ने कहा था कि कुछ नहीं होगा, इसलिए अपनी पूंजी आप न निकालें।
दिल्ली, जयपुर, मुंबई समेत देश के तमाम शहरों में यही हाल है। एक कस्टमर ने कहा कि बैंकों को लोगों का ध्यान रखना चाहिए। अभी लोगों की सैलरी आई है और लोग दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इस बीच यस बैंक के सूत्रों का कहना है कि सोमवार तक यस बैंक के एटीएम और नेट बैंकिंग सुचारू रूप से चलने लगेंगे और लोग 50,000 रुपये की लिमिट तक निकासी कर सकेंगे। गुरुवार शाम को यस बैंक का नियंत्रण आरबीआई के हाथ में जाने की खबरों के तुरंत बाद से ही यह हाल है। गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने एसबीआई के सीएफओ प्रशांत कुमार को 3 अप्रैल, 2020 तक के लिए बैंक का प्रशासक नियुक्त किया है। इस बीच केंद्रीय बैंक की ओर से यस बैंक के पुनर्गठन का काम किया जाएगा।