बजट सत्र: दिल्ली हिंसा पर दूसरे दिन भी हंगामा जारी
नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आज यानी मंगलवार को दूसरा दिन है। आज भी दिल्ली हिंसा को लेकर दोनों सदनों में हंगामे के बाद राज्यसभा 2 बजे तक तो लोकसभा 12 बजे तक स्थगित कर दी गई है। कांग्रेस, बसपा और भाकपा की तरफ से राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है। वहीं, कांग्रेस ने एडवाइजरी जारी कर राज्यसभा और लोकसभा के अपने सभी सदस्यों को तक संसद में बुलाया है। इसके साथ ही, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसद में सुचारू कामकाज सुनिश्चित करने के लिए आज सर्वदलीय बैठक बुलाई। दरअसल, भाजपा सांसद जसकौर मीणा और कांग्रेस सांसद राम्या हरिदास के बीच सोमवार को हुई हाथापाई को लेकर अध्यक्ष ने यह बैठक बुलाई है।
इससे पहले सोमवार को भी संसद के दोनों सदनों में दिल्ली हिंसा को लेकर काफी हंगामा हुआ था। इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया था। नौबत यहां तक आ गई थी कि लोकसभा में कांग्रेस एवं भाजपा सदस्यों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। विपक्ष दिल्ली हिंसा को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है।
बता दें कि सत्र के पहले दिन भी दोनों सदनों में हंगामा होने के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी थी। सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ, जो 3 अप्रैल तक चलेगा।
सत्र के पहले दिन लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर नारेबाजी की। प्रधानमंत्री से बयान देने की मांग की गई। संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने भी कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने प्रदर्शन किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस पर विपक्ष और खासकर कांग्रेस को नसीहत दी।
लोकसभा में कार्यवाही की शुरुआत बिहार के वाल्मीकि नगर से सांसद बैधनाथ प्रसाद महतो को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। इसके बाद सदन को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। लोकसभा में विपक्ष ने पिछले हफ्ते की दिल्ली हिंसा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसी मामले पर जवाब मांगा। स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि फिलहाल इस मुद्दे पर चर्चा के लिए हालात उपयुक्त नहीं हैं। उन्होंने कहा, “हमें हालात सुधरने का इंतजार करना चाहिए। इसके बाद इस मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है।”
हालांकि, विपक्ष ने उनकी बात नहीं सुनी और सदन में फिर हंगामा शुरू हो गया। लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के हंगामे से नाराज संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “यहां वो लोग हंगामा कर रहे हैं जिन्होंने 1984 के सिख दंगों में तीन हजार लोगों के मारे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की थी।” संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर संसद में बहस के लिए तैयार है।