किसानों की समस्याओं के निस्तारण होने तक जारी रहेगा संघर्ष: अजय कुमार लल्लू
लखनऊ: उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी द्वारा किसान जन जागरण अभियान को विगत 06 फरवरी 2020 को लखनऊ में विधिवत शुरूआत की गयी थी। जिसके तहत सभी 75 जनपदों के 824 ब्लाकों में कांग्रेस के 25 हजार कांग्रेस कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर 55 लाख किसान परिवारों से संपर्क कर किसान मांग पत्र भरवा रहे हैं। 17 फरवरी से 24 फरवरी तक नुक्कड़ सभाओं, 25 फरवरी से किसानों की समस्याओं को लेकर स्थानीय विधायकों को एवं 28 फरवरी को सांसदगणों को ज्ञापन सौंपे गये।
कांग्रेस पार्टी द्वारा किसानों के हितों के लिए किये जा रहे संघर्षों को देखकर किसानों में जन जागरण अभियान के प्रति व्यापक रूझान दिख रहा है। किसानों में यह भरोसा पैदा हुआ है कि कांग्रेस पार्टी उनके हितों के लिए संघर्ष करेगी और सरकार पर दबाव डालकर उनकी समस्याओं निराकरण में अपना योगदान देगी। इस अभियान को गति देने के लिए प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू खुद लगातार जिला व ब्लाकवार दौरा कर अभियान को गति प्रदान कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित किसाऩ सभाओं, नुक्कड़ सभाओं को सम्बोधित कर रहे हैं जिसमें बड़ी तादाद में किसान शामिल हो रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आज बांदा एवं फतेहपुर में आयोजित किसान नुक्कड़ सभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस किसानों के हितों और उनकी मांगों को लेकर लगातार सड़क से लेकर सदन तक लड़ रही है, यह गूंगी, बहरी और किसानों के प्रति संवेदनहीन सरकार अहंकार का शिकार है। किसानों की दुश्वारियां व आत्महत्याएं लगातार बढ़ रही हैं और सरकार का कहना है कि प्रदेश में खुशहाली का राज है।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डाॅ0 उमा शंकर पाण्डेय ने कहा कि किसान जन जागरण अभियान की सफलता से सत्ताधारी दल में जिस प्रकार बेचैनी पैदा हुई है वह अमेठी की सांसद श्रीमती स्मृति ईरानी के इशारे पर अमेठी के जिलाध्यक्ष श्री प्रदीप सिंघल को प्रताड़ित करना, डराना एवं उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर स्थानीय प्रशासन द्वारा छापेमारी करवा प्रताड़ित करने से साबित होता है। यह भाजपा की किसान विरोधी रवैये का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा किये जा रहे संघर्ष को और तेज किया जायेगा।
किसान जन जागरण अभियान के तहत किसानों का कर्जा माफी और बिजली का बिल हाफ करने की मांग, गांव-गांव में गौशालाएं और किसानों को रखवाली भत्ता देने की मांग, गन्ने के बकाये मूल्य का भुगतान तथा समर्थन मूल्य 400 रूपये प्रति कुन्तल, धान की खरीद हाथों-हाथ हो और समर्थन मूल्य प्रति कुन्तल 2500 रूपये हो तथा गेहूं का समर्थन मूल्य 3200रूपये प्रति कुन्तल की सरकार से मांग की जा रही है।