निर्माण निगम के अभियंताओं का बदलेगा पदनामः गहलौत
इं0 मिर्जा फिरोज शाह, अध्यक्ष और इं0 एस0डी0 द्विवेदी, महामंत्री छठीं बार निर्वाचित
लखनऊ: डिप्लोमा इजीनियर्स संघ राजकीय निर्माण निगम लि0 के अधिवेशन, संघ भवन शिलान्यास के मुख्य अतिथि प्रबन्ध निदेशक, राजकीय निर्माण निगम लि0 इं0 यू0के0 गहलौत ने अधिवेशन का शुभंारम्भ किया । अपने सम्बोधन में उन्होंने संघ के पदाधिकारियों से आहवान किया कि आपके संघ भवन का स्वरूप मनमोहक होना चाहिए क्योंकि यह संघ भवन शहीद पथ पर बन रहा है तो निश्चित तौर पर राजकीय निर्माण निगम लि0 के लिए सौभाग्यशाली है क्योंकि इसी मार्ग पर निर्माण निगम ने शिगनेचर बिल्डिंग, 100 डायल, इकाना स्टेडियम जैसे ऐतिहासिक धरोहरों का निर्माण किया है।
उन्होंने संघ द्वारा उप-अभियंता, सहायक स्थानिक अभियंता का पदनाम बदलकर अतिशीघ्र अवर अभियंता एवं सहायक अभियंता किये जाने का शत्-प्रतिशत प्रयास मेरे द्वारा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों की तरह निगम के पास अथाह धनकोष नहीं है। निगम को स्वयं कमाकर अपनी सुविधायें जुटानी है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 50 करोड़ से अधिक के काम छीने जाने के बाद आर्थिक स्थिति कमजोर होगी । उन्होंने कहा कि पूर्व के अधिकारियों/कर्मचारियों की मेहनत की बदौलत आज हम किसी तरह निगम को चला रहे हैं।
श्री गहलौत ने कहा कि सरकार द्वारा इस संस्था को राजकीय निर्माण निगम लि0 के काम दिये गये है, उस संस्था को भवन निर्माण का कोई अनुभव नहीं है। निगम प्रबंधन प्रबंधक के तौर पर मैंने शासन को ऐसी स्थिति में उत्पन्न होने वाली स्थितियों से अवगत कराते हुये कई पत्राचार किये हैं उन्होंने अधिवेशन में उपस्थित अभियंताओं को भरोसा दिलाया कि आपकी विशेषता आपकी कार्यकुशलता, आपके द्वारा कराये गये अब तक के कार्यों का एक निश्चित समय पर सरकार मूल्यांकन कर अपनी भूल सुधार करते हुये पुनः राजकीय निर्माण निगम लि0 को भवन निर्माण का काम सौंप देंगी।
इससे पूर्व श्री गहलौत ने डिप्लोमा इजीनियर्स संघ भवन की भूमि का शिलान्यास किया। कार्यक्रम के दौरान श्री गहलौत ने इं0 के0के0 बाजपेई, इं0 नित्यानंद सिंह, इं0 महोम्मद मीसम रिजवी, इं0 प्रयाग दत्त द्विवेदी, इं0 लाल बहादुर गुप्ता को संघ रत्न से सम्मानित किया। संघ के महामंत्री इं0 एस0डी0द्विवेदी ने मुख्य अतिथि का अभिनंदन पत्र पढ़ने के उपरांत उन्हें अभिनंदन पत्र भेंट किया।
अधिवेशन के दूसरे सत्र में निर्वाचन अधिकारी, इं0 ओ0पी0वर्मा, सहायक निर्वाचन अधिकारी इं0 बी0वी पाण्डेय ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों की घोषणा की। निर्वाचन अधिकारी के अनुसार इं0 मिर्जा फिरोज शाह, अध्यक्ष, इं0 एस0डी0द्विवेदी, महामंत्री, इं0 नित्यानंद सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रथम, इं0 के0के0 बाजपेई, वरिष्ठ उपाध्यक्ष द्वितीय, इं0 वीरेन्द्र प्रताप सिंह, उपाध्यक्ष प्रथम, इं0 एम0 आर0 वेग, उपाध्यक्ष द्वितीय, इं0 रविन्द्र बाजपेई, वित्त सचिव, इं0 मनोज टंडन, सहायक कोषाध्यक्ष, इं0 पी0डी0 द्विवेदी, संयुक्त मंत्री, इं0 लाल बहादुर गुप्ता, प्रचार मंत्री, इं0 अविनेश चन्द्र श्रीवास्तव, संगठन मंत्री प्रथम, इं0 हरिशचन्द्र त्रिपाठी, संगठन मंत्री द्वितीय, इं0 सम्पूरन सिंह, कार्यालय मंत्री, इं0 महोम्मद मीसम रिजवी, सम्पादक, इं0 सुलभ मुखर्जी, सह-सम्पादक चुने गये। निर्वाचन अधिकारी ने कार्यकारिणी सदस्यों की घोषणा करते हुये बताया कि इं0 राम मिलन यादव, इं0 रामदेव यादव, इं0 ब्रजमोहन पाठक, इं0 सैयद महोम्मद इकबाल, इं0 संजीव कुमार, इं0 रिजवान अहमद किदवई, इं0 विनय कुमार श्रीवास्तव, इं0 इफ्खिार अली, इं0 बी0एन0 मिश्रा, इं0 विनय कुमार गुप्ता, इं0 प्रवीण कुमार चैहान, इं0 हरिश्याम यादव, इं0 सचिन कुमार सरोज, इं0 शिवपाल यादव, इं0 संजय कुमार को चुना गया। निर्वाचित पदाधिकारियों को इं0 ओ0पी0 वर्मा ने शपथ दिलायी। अधिवेशन में महाप्रबंधक उमा शंकर, इं0 वी0 के0 नायक, इं0 सी0 के0 श्रीवास्तव, इं0 समीर गुप्ता, इं0 नरेन्द्र कुमार के अलावा डिप्लोमा इजीनियर्स महासंघ के पूर्व अध्यक्ष इं0 एस0पी0 मिश्रा के साथ इं0 दिवाकर राय, इं0 शिव प्रकाश गुप्ता, इं0 दिवाकर गौतम, इं0 जी0बी0 पटेल सहित तमाम घटक सघों के पदाधिकारी उपस्थित थे। संघ द्वारा अधिवेशन के दौरान प्रबंध निदेशक को ऐरियर के भुगतान, ए0सी0पी0 लाभ, रिक्त पदों की भर्ती सम्बंधी बीस सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया।
गोष्ठी में निकाली अभियंताओं ने भड़ास
डिप्लोमा इजीनियर्स संघ के अधिवेशन के दौरान आयोजित ’’रू0 50 करोड़’’ से अधिक लागत के कार्य ई.पी.सी.मोड से कराये जाने सम्बंधी शासन के निर्णय के कारण निर्माण निगम के भविष्य पर चिंतन विषयक संक्षिप्त गोष्ठी में ’’ अभियंताओं ने बिना जमीनी मूल्यांकन किये एकाएक राजकीय निर्माण निगम लि0 से 50 करोड़ से अधिक के कार्य न कराये जाने पर जमकर भड़ास निकाली । विभागाध्यक्ष सहित लगभग 50 अभियंताओं ने अपने विचार रखे। सभी वक्ताओं का सरकार के उक्त निर्णय पर एक ही मत था कि सरकार ने चंद लोगों की सलाह पर भूलवश यह निर्णय लिया जिसके कारण प्रदेश के विकास कार्य तो प्रभावित होंगे ही साथ ही विकास कार्यों की लागत में बढ़ोत्तरी होगी। गोष्ठी के मुख्य बिन्दुओं ने कई यक्ष प्रश्न किये गये है जैसेः उ.प्र. राजकीय निर्माण निगम लि0 द्वारा आवास और शहरी विकास निगम लिमिटेड से वर्ष 2016-2017 में लिये गये ऋण रू0 2380.00 करोड़ जिसकी त्रैमासिक किस्त लगभग रू0 106.00 करोड़ है के सम्बंध में निगमहित में क्या निर्णय लिया जाना चाहिये ? 50.0 करोड़ से ऊपर के कार्यों के सम्बंध में निर्गत् शासनादेश के कारण निगम को आवंटित रू0 10456.00 करोड़ के कम हो गये कार्यों पर पी.डब्लू.डी के देय दरों के अनुसार कंसलटेंसी चार्जेज का क्लेम शासन से अब तक क्यों नहीं किया गया ? कार्यों के आवंटन के सम्बंध में शासनादेश निर्गमन के पश्चात् निगम प्रबंधन द्वारा शासन स्तर पर की जा रही फिजूल खर्चों को रोकने के लिये कौन-कौन से कदम उठाये गये हैं ? ई.पी.सी.मोड पर रू0 50.0 करोड़ से ऊपर के कार्यों को प्राप्त करने हेतु निर्माण निगम द्वारा क्या रणनीति बनाई गई हैं? निर्माण निगम द्वारा प्रदेश के बाहर टेण्डर के माध्यम से किये जा रहे निर्माण कार्यों में लाभ-हानि की वर्तमान स्थिति क्या है ? जैसे कई अहम प्रश्न वक्ताओं द्वारा उठाये गये।