दिल्ली हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन, अब तक 38 मौतें
नई दिल्ली: दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने गुरुवार को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया है। इसके साथ ही मामले में सभी दर्ज एफआईआर एसआईटी को सौंप दिए गए है। जांच के लिए गठित दो एसआईटी टीमों का नेतृत्व डीसीपी जॉय तिर्की और राजेश देव करेंगे। खबरों के मुताबिक गठित जांच टीम ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों की जांच शुरु कर दी है। वहीं, इन दोनों जांच टीमों की निगरानी एडिशनल सीपी बीके सिंह के जिम्मे सौंपा गया है। इस मामले में अब तक पुलिस ने 48 एफआईआर दर्ज किए गए है जबकि 106 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
दरअसल, सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) के विरोध और समर्थक में निकले प्रदर्शन में दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट ईलाकों में दो समूहों के बीच हुई हिंसा में करीब 38 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 200 से अधिक लोग घायल है। हुए दंगे में उन्मादी भीड़ ने घरों, दुकानों, वाहनों, पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा ने मुख्य रूप से दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग और शिव विहार को अपने चपेट में ले लिया।
वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नियुक्त विशेष पुलिस आयुक्त सुंदरी नंदा को दिल्ली हिंसा पीड़ितों के परिवारों से मिलने और उन्हें हर संभव सहायता सुनिश्चित करने को कहा है। इससे पहले उपराज्यपाल बैजल ने पूर्वोत्तर दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर एक बैठक की। उन्होंने पुलिस को बलों की पर्याप्त तैनाती, गश्त, किसी भी स्थिति में तेजी से परिस्थिति से निपटने और तुरंत एफआईआर दर्ज व शीघ्र जांच करने का निर्देश दिया।
वहीं, गुरुवार को दिल्ली हिंसा मामले पर हाई कोर्ट फिर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा जिसके बाद कोर्ट ने 13 अप्रैल तक का समय देते हुए केंद्र सरकार को भड़काऊ भाषण पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। इससे पहले बुधवार को दिल्ली हिंसा की पर सुनवाई करने वाले हाई कोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर का तबादला कर दिया गया है। अब इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की अगुवाई वाली बेंच कर रही है।
दिल्ली हिंसा पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस से कई सवाल किए। कोर्ट ने कहा कि भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर पुलिस ने अब तक क्यों नहीं एक्शन लिया। जिस पर जवाब देते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्होंने वो वीडियो नहीं देखा है। जिसके बाद कोर्ट ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के बयान को चलवाया गया। कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद पुलिस ने अब तक 48 एफआईआर दर्ज किए गए है। वहीं, 106 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।