मौलाना अबुल कलाम आजाद हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल पक्षधर: उबैद नासिर
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मौलाना आजाद की पुण्यतिथि श्रद्धा और आदर के साथ मनाई गई
लखनऊ: देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देश के प्रथम शिक्षा मंत्री तथा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष रहे भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की पुण्यतिथि श्रद्धा और आदर के साथ प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मनाई गई। इस अवसर पर सर्वप्रथम मौलाना आजाद के चित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। तदुपरान्त कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस नेताओं ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्प पर प्रकाश डाला।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता उबैद नासिर ने बताया कि इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रबल पक्षधर थे। वह कहते थे कि अगर कोई फरिश्ता आकर हमसे यह कहे कि हिन्दू-मुस्लिम दोस्ती तोड़ दो, हम आपको आजादी दे देंगे, तो मैं उसे मना कर दूंगा। क्योंकि हमे मालूम है कि हम एक साथ लड़कर इस देश को आजाद करा लेंगे और आजाद भी करा लिया। वह उस दौर में विज्ञान और नई-नई तकनीक के प्रबल पक्षधर थे यही कारण है कि पं0 जवाहर लाल नेहरू जी के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री के रूप में आईआईटी, आईआईएम, बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों की स्थापना की गयी। प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक बेहतर शिक्षा लड़के और लड़कियों को बराबरी के साथ मिल सके, यह उनका सपना था। राष्ट्र ऐसे महान नायकों का हमेशा ऋणी रहेगा।