एयर इंडिया ने चीन जाने वाली उड़ानों पर तीन महीने तक लगाई रोक
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का प्रकोप केवल चीन ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देशों पर भी इसका खतरा मंडरा रहा है। यही कारण है कि कई देशों ने चीन के लिए आने-जाने वाली फ्लाइट्स रोक दी हैं। अब भारत में सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया ने भी कोरोना वायरस के खतरे के चलते चीन जाने वाली अपनी फ्लाइट्स पर और तीन महीनों के लिए रोक लगा दी है। यानी अब जून के आखिर तक एयर इंडिया की फ्लाइट्स चीन नहीं जाएंगी।
इससे पहले, एयर इंडिया ने शंघाई के लिए अपनी उड़ानें 31 जनवरी से 14 फरवरी तक और हांगकांग से 7 फरवरी से 28 मार्च तक रद्द कर दी थीं।
गुरुवार को एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, 'शंघाई और हॉन्गकॉन्ग जाने वाली उड़ानें 30 जून तक रद्द कर दी गई हैं।' बता दें कि एयर इंडिया और हॉन्ग कॉन्ग के बीच हर रोज एक फ्लाइट जाती है वहीं दिल्ली से शंघाई के बीच सप्ताह में 6 बार उड़ान मिलती है।
इसके अलावा इंडिगो और स्पाइसजेट की फ्लाइट्स भी चीन और हॉन्ग कॉन्ग जाती हैं। मगर अभी फरवरी के आगे भी चीन के लिए फ्लाइट्स बैन करने को लेकर इन एयरलाइंस ने कोई टिप्पणी नहीं की है। इंडिगो ने दिल्ली-चेंगदू, बेंगलुरू-हॉन्ग कॉन्ग और कोलकाता-ग्वांगझू की फ्लाइट्स बंद कर दी हैं।
हॉन्ग कॉन्क के फ्लैग कैरियर कैथे पैसिफिक ने 20 मार्च, 2020 तक भारत आने वाली फ्लाइट्स की संख्या प्रति हफ्ता 49 से घटाकर 36 कर दी है। वहीं घटती ट्रैवल मांग के बीच फ्लाइट्स में हर रोज की जा रही कटौती इससे इतर है। जबकि शैंदोंग एयरलाइंस और एयर चाइना ने भारत आने वाली फ्लाइट्स रद्द कर दी हैं। चाइना साउदर्न ने भी अपनी फ्लाइट्स की संख्या घटा दी है।
सिंगापुर एयरलाइंस और इसके क्षेत्रीय कैरियर सिल्कएयर ने भी 'अस्थायी तौर पर कोविड-19 के चलते घटती मांग के मद्देनजर अपने सभी नेटवर्क की सर्विसेज कम कर दी हैं।' इसीके चलते सिंगापुर एयरलाइंस की मुंबई फ्लाइट और सिल्कएयर की कोच्चि की फ्लाइट्स की संख्या भी मार्च में घटा दी गई है। बात करें कैंसिल की गई फ्लाइट्स की तो इनमे सिंगापुर-मुंबई (SQ 426) की 7,14, 21, 28 और मुंबई-सिंगापुर (SQ 425) रूट की फ्लाइट्स को 8, 15, 22 और 29 मार्च के लिए कैंसिल कर दिया गया है। सिल्कएयर की सिंगापुर-कोच्चि (MI 462) और कोच्चि-सिंगापुर (MI 461) रूट की फ्लाइट्स को मार्च में 18 दिनों के लिए रद्द कर दिया गया है।
नया वायरस कोरोना जो साल 2003 में आए SARS के समान शैली का है। इसे पहली बार चीन के वुहान में 5 जनवरी को डब्ल्यूएचओ रोग के फैलने की खबर में बताया गया था। अब तक यह कई देशों में फैल चुका है। हालांकि, नया वायरस 2003 SARS महामारी की तुलना में बहुत तेज गति से फैल गया है। वायरस के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए, चीनी अधिकारियों ने वुहान सहित देश के कई हिस्सों में परिवहन सेवाएं बंद कर दी हैं।