गैर बराबरी के ख़िलाफ़ रचाई मेंहदी, बनाई रंगोलियाँ
लखनऊ: शहर के युवाओं के बेहद प्रतीक्षित युवा महोत्सव दस्तक का उदघाटन आज संगीत नाटक अकादमी में सम्पन्न हुआ। कई दिनों से वालंटियर्स की टीम विभिन्न मुद्दों जैसे जेंडर,आर्थिक गैरबराबरी,जाति-धार्मिक भेदभाव, आदि पर फोकस करते हुये समारोह स्थल को सजाने में जुटी थी।
आज 11 बजे देश के मशहूर वैज्ञानिक अमित मिश्रा, डॉक्टर समन हबीब, प्रोफेसर साबिरा हबीब ने फेस्टिवल का उद्धाटन करते हुये नौजवानों को इतिहास, विज्ञान और कला संस्कृति के रिश्ते बताते हुये कहा कि नौजवानों को खूब पढ़ना चाहिये और समाज को बदलने में अपनी रचनात्मकता दिखानी चाहिये। उद्धघाटन के अवसर पर लखनवी अंदाज़ में खूब शेरो शायरी और कविताएं भी सुनाई गयीं।
संयोजिका संगीता जायसवाल और उपासना ने बताया आज लगभग 200 छात्र छात्राओं रंगोली, कविता लेखन, पोस्टर मेकिंग, सेल्फी पॉइंट, त्वरित भाषण, मेंहदी ,थीम डेकोरेशन जैसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। इन प्रतोयोगिताओं को जेंडर गैरबराबरी, आर्थिक गैर बराबरी , सामाजिक गैरबराबरी जैसे मुद्दों में बांट कर अपनी कला के मार्फत दिखाना था ,जिसमे छात्रों ने न केवल विषय को समझा बल्कि पहली बार इन मुद्दों को कैसे बदलाव के लिये भी इस्तेमाल किया जा सकता है ये सोचने की शुरुवात की।
आयोजक मंडल से शिवालिका ने बताया त्वरित भाषण में आर्किटेक्ट शुभ्रा और रश्मि बाजबेई, रंगोली में सरिता जैसवाल, अनुभा, पारुल, कविता में मालविका हरिओम और साबिरा हबीब, थीम डेकोरेशन में शिवांजली और शिवालिका, पोस्टर और सेल्फी पॉइंट कला स्रोत की मानसी डिडवानिया और रोहिनी सिंह बतौर निर्णायक मौजूद रहीं।
कल सोलो एवं समूह गायन, फेस पेंटिग, डिबेट, स्ट्रीट थियेटर, फ़िल्म, स्लोगन राइटिंग, एड मैड शो आदि की प्रतियोगिताएं होंगी।
इस अवसर पर दस्तक की मेमोरी लेन ,लोगों के आकर्षण का विशेष केंद्र रही साथ ही युवाओं ने अपनी तस्वीरों को भी सामाजिक मैसेजेस के साथ फैलाने की शुरुवात की।
दस्तक यूथ फेस्टिवल का आयोजन दस्तक मंच, लखनऊ यूथ फोरम, और समता नेटवर्क के प्रयासों से हो रहा है।