दुनिया भर में होने वाली मौतों का हृदय रोगों के बाद दूसरा प्रमुख कारण है कैंसर – बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के बावजूद आज भी इस रोग पर विजय हासिल नहीं हो सकी है। हालांकि बदलते वक्त के साथ और तेजी से वैज्ञानिक विकास के कारण अगर जल्द पता चल जाए, तो कैंसर का इलाज किया जाना संभव हो गया है। फिर भी सभी परिष्कृत स्क्रीनिंग और कैंसर उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराने के बावजूद कैंसर रोग पीड़ित और उनके परिवारों को भावनात्मक और आर्थिक तबाही से जुड़े कुछ दर्दनाक अनुभव देकर जाता है। श्री प्रसून सिकदर – एमडी और सीईओ, मणिपाल सिग्ना हैल्थ इंश्योरेंस के अनुसार, जीवनशैली में बदलाव, पर्यावरण में गिरावट और ऐसे ही कुछ अन्य कारकों ने हमें कई जानलेवा बीमारियों के प्रति अतिसंवेदनशील बना दिया है, इनमें कैंसर भी एक है, जिससे 30-70 वर्ष की आयु में 71 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो जाती है। किसी भी कैंसर के बारे में सबसे बुरी बात यह है कि यदि लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं, तो भी पहले से ही बहुत देर हो चुकी होती है। कैंसर के खिलाफ किसी की लड़ाई में सबसे अच्छा प्रयास तो यह हो सकता है कि हम कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों से बचकर एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं। इस बार कैंसर दिवस पर, आइए हम सभी नियमित रूप से व्यायाम करने की स्वस्थ आदतों को अपनाएं, अपने भोजन में पौष्टिक आहार को ही शामिल करें और तंबाकू और शराब के व्यसनों को त्याग दें। साथ ही, एक अच्छी कैंसर पाॅलिसी में निवेश करने की स्वस्थ आदत को अपनाते हुए इस जानलेवा रोग के खिलाफ मजबूती से खड़े होने का संकल्प लें। भारत में, हर दो महिलाओं में से एक स्तन कैंसर से पीड़ित है। तंबाकू से होने वाली बीमारियों के कारण प्रतिदिन लगभग 2500 लोगों की मृत्यु हो जाती है, और हर दिन एक महिला की सर्वाइकल कैंसर के कारण आकस्मिक मौत हो जाती है। ये आंकड़े साफ बताते हैं कि कैंसर किस तरह एक जानलेवा रोग के रूप में अपने पैर पसार चुका है। इस रोग के चिकित्सकीय अध्ययन में कैंसर के कुछ रूपों को मान्यता दी गई है – कोलोरेक्टल, फेफड़े, स्तन, पेट और प्रोस्टेट कैंसर भारत में सबसे अधिक बार-बार पाए जाने वाले कैंसर के रूप हैं। एक तरफ कैंसर होने की आशंका बहुत बढ़ गई है, दूसरी तरफ हाल के वर्षों में उपचार का खर्च भी कई गुना बढ़ गया है। वास्तव में, उपचार की लागत इतनी बढ़ गई है कि यह एक आम आदमी की जिंदगीभर की कमाई और बचत को खत्म कर देता है। और अगर बीमारी का इलाज विदेश में किया जाना है, तो लागत भारत की तुलना में कहीं अधिक हो सकती है। जाहिर है कि इस गंभीर बीमारी के उपचार में होने वाले खर्च से निपटने के लिए सबसे प्रभावी हथियारों में से एक कैंसर बीमा प्लान है। कैंसर बीमा एक विशेष क्रिटिकल इलनैस इंश्योरेंस पॉलिसी है, जो कैंसर से पीड़ित बीमाधारक को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। आमतौर पर, एक कैंसर-स्पेसिफिक पाॅलिसी में अस्पताल निदान, कीमोथेरेपी, रेडिएशन, सर्जरी, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, नर्सिंग देखभाल, और निर्धारित दवाओं की लागत सहित कैंसर निदान और उपचार से जुड़ी कई लागत शामिल होती हैं। क्रिटिकल इलनैस इंश्योरेंस पॉलिसी में गंभीर बीमारी का पता लगते ही बीमित राशि का भुगतान किया जाता है और इसमें अस्पताल के शुल्कों को भी नहीं देखा जाता। पॉलिसीधारक अपनी आवश्यकतानुसार राशि का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। यदि किसी के परिवार में पहले भी किसी को कैंसर रोग हो चुका है, तो उसे कैंसर पाॅलिसी के बारे में जरूर सोचना चाहिए। और जो लोग मानते हैं कि उन्हें पर्यावरण, जीवन शैली या अन्य कारणों से कैंसर होने का अधिक खतरा है, उन्हें भी इस दिशा में जरूर कदम उठाने चाहिए। इसके अलावा, यदि किसी की नियमित स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी कैंसर से संबंधित उपचारों के लिए कवरेज प्रदान नहीं करती है तो उनके लिए भी कैंसर बीमा प्लान आवश्यक है। कैंसर बीमा दरअसल कैंसर के विभिन्न चरणों के लिए कवरेज प्रदान करता है और कैंसर का पता चलने पर एकमुश्त लाभ का भुगतान किया जाता है। इतना ही नहीं, निदान के बाद प्रीमियम माफ कर दिया जाता है और एक निश्चित मासिक आय लाभ एक निश्चित संख्या में वर्षों तक प्रदान किया जाता है। कोई भी व्यक्ति कैंसर के बारे में सोचना भी नहीं चाहता। पीड़ित लोगों के दिल और दिमाग में इससे असुरक्षा और भय की भावना घर कर जाती है। लेकिन अगर हम कैंसर प्लान ले लेते हैं, तो इससे बीमाधारक को सुकून मिलता है और उम्मीदें कायम रहती हैं। तो सुनिश्चित करें कि आपके पास हैल्थ प्लान हो!