देश की हर महिला प्रज्ञा ठाकुर ना समझी जाए: दीपक सिंह
लखनऊ: उत्तर प्रदेश काँग्रेस विधान परिषद् दल के नेता दीपक सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा आज उत्तर प्रदेश में किसानों का हाल बद से बद्तर है जहाँ एक ओर किसानों को उनकी लागत मूल्य नहीं मिल पा रही है। वहीं जिन धान किसानों ने व गन्ना किसानों ने अपनी उपज बेचा है, उनको उनके उपज का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
सरकार अपने भाषणों में किसानों के हित के बड़े-बड़े वादे करती है, किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है और छुट्टा जानवरों से किसानों के फसलों की सुरक्षा की बात करती है। परन्तु भाजपा सरकार बनने के बाद किसानों की आय घटती जा रही है। अभी सरकार ने किसानों के धान की खरीद की तारीख 29 फरवरी तक सुनिश्चित की थी परन्तु एक महीने पहले ही व्यापारियों से धान खरीद का कोटा पूरा दर्शा दिया और किसानों के धान खरीद बंद कर दिये। जबकि अभी अधिकांश किसानों के धान बिकने शेष हैं। जो थोड़े बहुत किसानों के धान सरकार ने क्रय किये थे उनका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। जहाँ किसान एक तरफ छुट्टा जानवरों के प्रकोप को झेल रहे प्रदेश के किसानों में हाहाकार मचा हुआ है, किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। और आर्थिक तंगी की वजह से उनके परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है।
दीपक सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सी0ए0ए0) और एन0आर0सी0 के विरोध में लोकतांत्रिक ढ़ग से प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोगों पर अवैध मुकदमे दर्ज किये गये हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता विधायक, मंत्री भ्रष्टाचार करें अत्याचार करें बलात्कार करें तो उन्हें माफी, प्रदेश की जनता संवैधानिक ढंग से कोई प्रदर्शन करे, अपनी आवाज उठाई तो, उनको फांसी गांधी के देश में गोंडसे नहीं चलेगा हमारे देश की महिलाएं दुर्गा, सरस्वती स्वरूपा हैं हर महिला प्रज्ञा ठाकुर ना समझी जाए। ऐसे लोगों पर भी मुकदमें दर्ज हुए हैं जो घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं थे। जिसमें कई सारे कवि, शायर, राजनैतिक, सामाजिक लोगों के साथ ही साथ उनके परिवार के सदस्यों महिलाओं पर भी एफ0आई0आर0 दर्ज किया गया।
सरकार द्वारा की गई बर्बरता यहीं नहीं थमी, संवैधानिक ढंग से चल रहे धरने में पुलिस के लोगों द्वारा इस ठंडक में कम्बल भी छीन लिये गये तथा शौचालय के दरवाजे भी बंद कर दिये गये। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता पूर्व आई0पी0एस0 एस0आर0 दारापुरी एवं सदफ जफर जैसे और कई निर्दोर्षों को जेल भेजकर प्रताड़ित किया गया। प्रदेश में एसे घटनाओं को लेकर सरकार एवं पुलिस प्रशासन के प्रति जनता में भारी रोष एवं आक्रोष व्याप्त है।