यूटीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड (टैक्स सेविंग्स) में मिले संपत्ति सृजन और कर बचत का दोहरा लाभ
हम सब जानते हैं कि वक्त बड़ी तेजी से बीत जाता है और लीजिए, एक और वित्तीय वर्ष जल्द ही समाप्त होने जा रहा है, और अधिकांश करदाता अपने खातों को क्रम में रखने के बारे में घबराहट की स्थिति में होंगे। वे अपने वित्तीय सलाहकार, या चार्टर्ड एकाउंटेंट्स से संपर्क करने की योजना बना सकते हैं, ऐसे विभिन्न तरीकों की जानकारी कर सकते हैं जो उनकी कर देयता को कम करने में मदद कर सकते हैं और इस बारे में भी विचार कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति कैसे कर के भार को कम कर सकता है। देखा जाए तो कोई भी सरकार द्वारा स्वीकार्य विभिन्न निवेश विकल्पों का उपयोग करते हुए बडी आसानी से अपने कर के बोझ को कम कर सकता है। और ऐसा ही एक सबसे प्रभावी तरीका है- इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस)। ईएलएसएस फंड दरअसल म्यूचुअल फंड के तहत एक ऐसी श्रेणी है जो निवेशकों को निवेश के कई लाभों को हासिल करने की अनुमति देता है। ईएलएसएस म्युचुअल फंड उनके द्वारा प्रदान किए जाने वाले कर लाभों के लिए ही जाने जाते हैं। इसके अलावा, इक्विटी प्रतिभूतियों में निवेश के फायदे भी इसमें जोड़े जाते हैं। मुख्य रूप से इसी तरह के कर लाभ प्रदान करने के कारण ज्यादातर लोग पीपीएफ, एनएससी, एफडी आदि जैसे अन्य कर बचत साधनों के साथ उनकी तुलना करते हैं, लेकिन यदि आप अन्य कर साधनों के साथ इसके कई लाभों की तुलना करते हैं, तो ईएलएसएस सूची में सबसे ऊपर है। एक तरफ ईएलएसएस प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कुल कर योग्य आय पर 1.50 लाख रुपये तक की कटौती करने में सक्षम बनाता है, वहीं दूसरी तरफ यह भविष्य की आवश्यकताओं और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संपत्ति के सृजन का असाधारण फायदा भी प्रदान करता है। इसके अलावा, ईएलएसएस केवल पारंपरिक कर बचत मार्ग की तुलना में सबसे कम लॉक-इन अवधि के साथ आता है। इसका लाॅक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल का होता है। यह लॉक-इन अवधि अल्पावधि में बाजार की अस्थिरता के जोखिम को कम करती है, इस प्रकार दीर्घकालिक धन सृजन पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। इसका मतलब है कि कोई एक शॉट से कई लक्ष्य पूरा कर सकता है।यूटीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड (टैक्स सेविंग्स) ऐसा ही एक आॅफर है, जो दिसंबर-1999 से खुला है। यह फंड एक इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) है जो इक्विटी प्रतिभूतियों में निवेश करके और करों पर बचत करके मजबूत रिटर्न का दोहरा लाभ प्रदान करता है। 31 जनवरी-2020 तक 1.72 लाख यूनिट धारकों के साथ इस फंड का एयूएम 1,300 करोड़ रुपए से अधिक है। फंड ऐसे व्यवसायों में निवेश करने का प्रयास करता है, जिनका रिटर्न अनुपात, नकदी प्रवाह और प्रबंधन बेहतर है। फंड को मार्केट कैपिटलाइजेशन स्पेक्ट्रम में निवेश करने वाले मल्टी कैप फंड के रूप में पहचाना जाता है। 31 जनवरी-2020 तक फंड ने 64 प्रतिशत तक लार्ज कैप स्टॉक्स और शेष मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश किया है। इस स्कीम के टाॅप होल्डिंग्स में आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, एक्सिस बैंक लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड, आईटीसी लिमिटेड, इंडसइंड बैंक लिमिटेड, गुजरात गैस लिमिटेड, क्राॅम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिक्स लिमिटेड, मुथूट फाइनेंस लिमिटेड और भारती एयरटेल लिमिटेड शामिल हैं, जो पोर्टफोलियो के कॉर्पस में 44 फीसदी का हिस्सा रखते हैं।यूटीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड (टैक्स सेविंग) उन निवेशकों के लिए उपयुक्त हो सकता है, जो ऐसे फंडों की तलाश कर रहे हैं जो 3 साल के लॉक-इन पीरियड के रूप में लार्ज कैप बायस्ड नहीं हैं। फंड पोर्टफोलियो के लिए लंबी अवधि के लिए निवेश की अनुमति देता है, इस प्रकार से उच्च जोखिम-समायोजित रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, योजना में 1.50 लाख रुपए तक के निवेश पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत कर लाभ हासिल किया जा सकता है।