गार्गी कॉलेज में छात्रों के सामने अराजक तत्वों ने पुलिस की मौजूदगी में किया मास्टरबैट
नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी से एक बेहद खौफनाक घटना सामने आई है। यूनिवर्सिटी के ही गार्गी कॉलेज में आयोजित वार्षिक कॉलेज फेस्ट कार्यक्रम के दौरान कई बाहरी लोग दीवार व गेट फांदकर अंदर आ गए। इनमें से कुछ ने ना सिर्फ कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद छात्राओं को भीड़ का फायदा उठाकर गलत तरह से छुआ बल्कि उन छात्राओं के सामने ही मास्टरबैट किया। अब इस मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। एनसीडब्ल्यू की एक टीम आज कॉलेज का दौरा करेगी। वहीं दूसरी तरफ सोमवार सुबह से ही कॉलेज की छात्राएं कॉलेज प्रशासन की चुप्पी के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।
छेड़खानी का मसला अब सोशल मीडिया पर उठाया जा रहा है। आरोप है कि छह फरवरी को हुए कार्यक्रम के दौरान कुछ लोग जो छात्र नहीं थे वे कॉलेज में घुस आए और उन्होंने छात्राओं के साथ अभद्रता की। मगर वहां मौजूद पुलिसवाले खड़े देखते ही रहे। इसी की वजह से छात्राओं और कॉलेज के प्रोफेसरों ने ये मसला सोशल मीडिया में उठाया है। दिल्ली के गार्गी कॉलेज की छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उनके सालाना कॉलेज फेस्ट के दौरान कैंपस में जबरदस्ती घुस आए लोगों ने उनका यौन उत्पीड़न किया जबकि वहां खड़े सुरक्षाकर्मी और पुलिसवाले बस देखते रहे और कुछ नहीं किया। प्रत्यक्षदर्शियों और छात्राओं व शिक्षकों के सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए कई वीडियो में देखा जा सकता है कि गुरुवार की शाम 6:30 बजे कॉलेज के फेस्ट के दौरान नशे में धुत लोग दक्षिण दिल्ली के कॉलेज के गेट के पास इकट्ठा होते हैं और जबरन अंदर घुस जाते हैं।
कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोमिला कुमार ने दावा किया उन्हें ऐसी किसी घटना की सूचना ही नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह एक गंभीर घटना है और मैं इस पर विचार करूंगी। यह गंभीर चिंता का विषय है लेकिन दुर्भाग्य से मुझे किसी ने इसके बारे में नहीं बताया।' प्रिंसिपल ने कहा, 'हमारे पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे जिसमें टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाप के अलावा पुलिसकर्मी, बाउंसर और यहां तक कि कमांडो भी शामिल थे। किसी ने भी हमारे पास आकर ऐसी घटना की सूचना नहीं दी। हम भीड़ में ही राउंड लगा रहे थे। हालांकि इस बात में कोई शक नहीं कि भीड़ बहुत ज्यादा थी। हम बहुत सतर्क थे लेकिन हम ऐसा कुछ नहीं देख सके।'
एक छात्रा ने इंस्टाग्राम पेज पर साझा किया कि दो महिला छात्रों का "उत्पीड़न" हुआ। प्रथम वर्ष की एक छात्रा ने दावा किया कि "पांच मध्यम आयु वर्ग के, नशे में धुत पुरुषों ने उसे पीटा और" उसके साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की "और भीड़ के अंदर ऐसे लोग थे जो धूम्रपान कर रहे थे। एक छात्रा ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा, "छात्र सोमवार को कॉलेज प्रशासन के सामने इस मामले को उठाएगा। फेस्ट के दौरान पुलिस और बाउंसर मौजूद थे और उन्हें सूचित किया गया था कि भीड़ का प्रबंधन करें, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।"
वाम-समर्थित डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) ने एक बयान में कहा, "गुरुवार को गार्गी वार्षिक उत्सव के दौरान प्रशासन और सुरक्षा की ओर से जानबूझकर की गई लापरवाही ने ऐसी स्थिति पैदा की। यहां जानबूझकर ऐसे लोगों को अंदर घूसने की अनुमति दी गई।" संगठन ने दावा किया कि छात्रों ने यह भी कहा है कि ये लोग "जय श्री राम" के नारे लगा रहे थे और भगवा झंडे लहरा रहे थे। डीएसएफ ने इस घटना की तुलना जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हाल की हिंसा से की।