संत रविदास की जन्मस्थली पर प्रियंका गांधी ने टेका मत्था
कहा–गुरु रविदास के राम-रहीम एक थे, उनकी शिक्षा और वाणी से सीखने की जरूरत
लखनऊ: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने सन्त शिरोमणि रविदास जयंती पर उनके जन्म स्थली सीर गोबर्धनपुर पहुंचकर मत्था टेका और आशीर्वाद लिया।
श्रीमती प्रियंका गांधी जी देश-विदेश के कोने-कोने से आये लाखों श्रद्धालुओं के बीच सत-संगत में रहीं और संगत में कांग्रेस महासचिव ने अपने विचार को रखा।
कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने कहा कि साहिबे कमाल सदगुरु श्री रविदास जी महराज की जयंती पर उनके जन्म स्थान मंदिर की चैखट पर मुझे मत्था टेकने का मौका मिला। यह मेरा सौभाग्य है।
उन्होंने कहा कि सदगुरु कबीरदास जी और सदगुरु रविदास जी ने हम सबको अपनी वाणी और सन्देश से हर एक इंसान को बराबर, भाईचारे और मेहनत की इज्जत करने की शिक्षा दी। महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने कहा कि हमारी बहुत पुरानी सोच रही है जो हर इंसान में भगवान को देखती है और इंसान को जात-पात और धर्म के चश्मे से नहीं बल्कि सिर्फ इंसान के रूप में देखती है। संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महराज उस सोच के अगुआ हैं।
उन्होंने कहा कि गुरु रविदास जी वाणी में कहते हैं कि राम और रहीम एक हैं। हम सबमें एक ही ईश्वर का अंश है। एक ही मिट्टी से हम सब बने हैं। हम सबको उनकी वाणी और शिक्षाओं से सीखना चाहिए। उन्होंने रविदास वाणी सुनाते हुए कहा “ऐसा चाहूँ राज में, जहाँ मिले सबन को अन्न। छोट-बड़ो सब सम बसै, रैदास रहे प्रसन्न।।”
महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने कहा कि सदगुरु रविदास जी महाराज ने बेगमपुरा का सपना देखा था। ऐसा समाज, ऐसा शहर जहां ऊँच-नीच नहीं, भेदभाव नहीं, जहां हर इंसान की इज्जत हो, सबके आत्मसम्मान की रक्षा हो। हमारे संविधान में भी यही बात है।
उन्होंने कहा कि आज सदगुरु रविदास जी के सपने को जन-जन तक ले जाने की जरुरत है। आज हम सबको सन्त रविदास जी की बताई गयी बातों पर अमल करने की जरुरत है। आज रविदास जी की वाणी को दिल में बसाने की जरूरत है।
उन्होंने सन्त शिरोमणि रविदास जयंती की बधाई देते हुए कहा कि आज आप सबके बीच आकर मुझे बहुत ज्यादा खुशी और आध्यात्मिक प्रेरणा मिली है।