बहराइच: चितौरा झील पर हुआ महाराजा सुहेलदेव का राज्याभिषेक
बहराइच: महाराजा सुहेलदेव का राज्याभिषेक कार्यक्रम उनके स्मारक स्थल चितौरा झील पर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महाराजा सुहेलदेव सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। तदुपरांत सुंदरकांड का सामूहिक आयोजन व भजन कीर्तन के साथ तथा सभा हुई। कार्यक्रम में सेवा समिति के साथ-साथ राजभर समाज के भी लोग भारी संख्या में शामिल हुए।
सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सामाजिक समरसता प्रमुख राजकिशोर ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव का गौरवशाली इतिहास है, उन्होंने समाज को संगठित कर आतताई का अंत कर समाज को बचाने का काम किया था। उन्होंने कहा कि हमें भी महाराजा सुहेलदेव जी से प्रेरणा लेकर संगठित होना होगा तभी देश एवं समाज को सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि महापुरुष किसी एक जाति के न होकर संपूर्ण समाज के होते हैं और उनका यशोगान हम सभी को करना चाहिए और भावी पीढ़ियों को वीर महापुरुषों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
सभा को संबोधित करते हुए संघ के जिला प्रचारक राहुल ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव जी द्वारा राष्ट्र हित में किए गए कार्य को कभी भुलाया नहीं जा सकता है उन्होंने कहा कि हम सब का यह कर्तव्य बनता है कि महाराजा सुहेलदेव जी द्वारा स्थापित किए गए मानदंडों को हम समाज मे लेकर जाएं और भावी पीढ़ी को वीर महापुरुषों के बारे में जानकारी दें। महाराजा सुहेलदेव सेवा संस्थान के सचिव अर्जुन कुमार दिलीप ने अपने संबोधन में कहा कि वीर शिरोमणि महाराजा सुहेलदेव महान देशभक्त कुशल प्रशासक थे, उन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया ऐसे वीर महापुरुष हम सभी के प्रेरणा स्रोत हैं।
सभा के उपरांत यहां भंडारे का आयोजन भी किया गया। जिसमें लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में संघ के नगर प्रचारक पंकज, रमेश पाठक, उमेश चंद्र मिश्रा एडवोकेट, अयोध्या प्रसाद अवस्थी, ओम प्रकाश सक्सेना अनिल वर्मा, पुष्पम, महेश गुप्ता, अभय उमाकांत शुक्ला, अतुल गौड़ भाजपा नेता हरीश चंद्र गुप्ता, रामकिशोर गुप्ता, परशुराम राजभर, प्रेमचंद राजभर, पारस राजभर, धर्मेंद्र राजभर, रमाकांत राजभर, राम राजभर, मोलहे प्रसाद राजभर, रामायण राजभर, राजकुमार, मोती लाल राजभर, वीरेंद्र राजभर, राकेश राजभर गिरजा शंकर, रामकिशन राजभर आदि सहित भारी संख्या में महिला एवं पुरुष मौजूद रहे।