बहराइच: अब सुरक्षित हाथों से होंगे प्रसव, मातृ व शिशु मृत्यु पर लगेगी लगाम
रमेश चंद्र गुप्ता
बहराइच: प्रसव के दौरान महिलाओं मे होने वाली जटिलताओं को तुरंत पहचानने और उनका उचित प्रबंधन करने हेतु कुशल, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का होना आवश्यक है। इस उद्देश्य से स्टाफ नर्स, एएनएम और महिला आयुष डॉक्टरों की 21 दिवसीय “स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट” (एसबीए) प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नानपारा, पयागपुर और जिला महिला अस्पताल मे आयोजित प्रशिक्षण मे कुल 14 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने प्रतिभाग किया।
एस.आर.एस. 2016-17 के आंकड़ों के अनुसार बहराइच की मातृ मृत्यु दर 1 लाख महिलाओं पर 366 तथा शिशु मृत्यु दर 1000 पर 66 हैं। जनपद मे मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर मे कमी लाने हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसी क्रम मे भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार जनपद मे विशेष प्रशिक्षण “स्किल्ड बर्थ अटेंडेंट” का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण मे 24 घंटे प्रसव केन्द्रों पर तैनात स्टाफ नर्स, एएनएम, एलएचवी, नर्स मेंटर, एवं महिला आयुष डॉक्टरों की क्षमता वृद्धि की जाती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 सुरेश सिंह ने बताया अधिकतर मामलों मे प्रसव सामान्य ही होते है, परंतु कुछ प्रसव के दौरान ऐसी जटिलताएँ आती हैं जिनका पहले से अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इनमे से कुछ जटिलताएँ माँ और बच्चे दोनों के लिए प्राण घातक हो सकती हैं। शिशु जन्म के समय माँ और बच्चे को आपातकालीन जीवन रक्षक सेवाएँ मिल सकें इसके लिए एसबीए प्रशिक्षण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दक्ष करने मे काफी उपयोगी साबित होगा।
प्रशिक्षक डॉ0 इस्तियाक अहमद बताया इस प्रशिक्षण के दौरान 5 दिनों का क्लिनिकल व थ्योरिकल प्रशिक्षण दिया गया तथा 16 दिनों तक लेबर रूम, मिनी स्किल लैब और ओपीडी दौरान प्रसव के समय होने वाली जटिलताओं को पहचानने और उनके त्वरित निदान एवं रेफरेल प्रबंधन की जानकारी दी गयी। प्रशिक्षक दुर्गेश्वरी स्टाफ नर्स ने बताया किसी भी महिला मे गर्भावस्था के किसी चरण पर जटिलताएँ आ सकती हैं इसलिए प्रत्येक महिला को गर्भावस्था, शिशु जन्म एवं प्रसव बाद देखभाल प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को एसबीए प्रशिक्षण दिया जाता है।
उन्होने बताया गर्भावस्था एवं शिशु जन्म मे आई जटिलताओं की पूर्व पहचान एवं प्रबंधन करने से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। इस मौके पर आयुष चिकित्सक डॉ0 अलिया खान कैसरगंज, डॉ0 शलिनी वर्मा सलारगंज अर्बन, डॉ0 कल्पना साहू जरवल सहित चित्तौरा, पयागपुर, महसी, तेजवापुर, बलहा और मिहींपुरवा की स्टाफ नर्स मौजूद रही।
प्रशिक्षण के दौरान प्रसव पूर्व गर्भावस्था के समय, प्रसव के दौरान, प्रसव उपरांत माँ और शिशु, गर्भावस्था से लेकर प्रसव पश्चात अवधि के दौरान होने वाली जटिलताओं का प्रबंधन किये जाने को लेकर देखभाल की जा रही है। साथ ही महिलाओं मे होने वाली जटिलताओं, एनीमिया की संभावना, मातृ मृत्यु के प्रमुख कारणो सहित अन्य बिन्दुओं पर स्टाफ नर्स, एएनएम और महिला आयुष डॉक्टरों आदि को प्रशिक्षित किया जा रहा है।