आर्थिक विफलता से ध्यान भटकाने के लिए सीएए लागू हुआ: यशवंत सिन्हा
सूरत: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि असंवैधानिक और अनावश्यक नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पारित कराना केंद्र सरकार की साजिश का हिस्सा है ताकि आर्थिक सुस्ती थामने में अपनी विफलता से आम लोगों का ध्यान भटकाया जा सके।
सूरत में गांधी शांति यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व भाजपा नेता और पूर्व वित्त मंत्री ने पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का हवाला देते हुए कहा कि भारत इस समय भारी सुस्ती के दौर से गुजर रहा है और अर्थव्यवस्था आइसीयू में पहुंचने वाली है।
उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्ग सरकार के काम करने के तरीके से ऊब चुके हैं। लेकिन सरकार में बैठक लोग ध्यान भटकाने के काम में माहिर हैं। इसलिए युवा, किसान, महिला वगैरह का ध्यान भटकाने के लिए असंवैधानिक और अनावश्यक कानून पारित कराया गया। लोग इसके विरोध में जुट जाएंगे और उन्हें अपनी रोजमर्रा की दिक्कतों पर गौर करने का वक्त ही नहीं मिलेगा।
दस जनवरी को अधिसूचित सीएए के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार हुए हिंदू, पारसी, सिख, इसाई, बौध समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जा सकती है, बशर्ते वे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए थे। इस कानून का पूरे देश में खासकर युवाओं और छात्रों द्वारा विरोध किया जा रहा है। विपक्षी दल इसे मुस्लिम विरोध बताकर इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।
सिन्हा ने कहा कि यह कानून इसलिए पारित कराया गया क्योंकि अर्थव्यवस्था गहरे संकट मंे है। वह 3000 किलोमीटर लंबी यात्रा में शामिल होने के नाते सूरत आए थे। सीएए वापस लेने, राज्य प्रायोजित हिंसा जैसे जेएनयू छात्रों पर हमले की न्यायिक जांच कराने और एनआरसी पूरे देश में लागू न करने के लिए सरकार के आश्वासन की मांग को लेकर यह यात्रा 9 जनवरी को मुंबई से शुरू हुई थी।