सोनिया गाँधी ने CAA-NRC को बताया विभाजनकारी
CWC में बिगड़ती आर्थिक स्थिति, कश्मीर और कड़ी की घटनाओं पर प्रस्ताव पास हुए
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर शनिवार को केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया. कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने शनिवार को चार मुद्दों पर प्रस्ताव पास किया. कांग्रेस ने संशोधित नागरिकता कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) के विरोध को दबाने की सरकार की कोशिशों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. इसके अलावा देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति, जम्मू-कश्मीर में सरकार की पाबंदी के छह महीने पूरे होने और खाड़ी में ईरान और अमेरिका के बीच विवाद की वजह से बन रहे हालात को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) और अन्य स्थानों पर युवाओं एवं छात्रों पर हमले की घटनाओं के लिए उच्च स्तरीय आयोग का गठन किया जाना चाहिए. कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि '' नए साल की शुरुआत संघर्षों, अधिनायकवाद, आर्थिक समस्याओं, अपराध से हुई है.''
कांग्रेस अध्यक्ष ने सीएए को भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी कानून करार देते हुए दावा किया कि इसका मकसद भारत के लोगों को धार्मिक आधार पर बांटना है. सोनिया गांधी ने कहा कि जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और कुछ अन्य जगहों पर युवाओं और छात्रों पर हमले की घटनाओं की जांच के लिए विशेषाधिकार आयोग का गठन किया जाए. उन्होंने खाड़ी क्षेत्र के घटनाक्रम को लेकर भी चिंता जताई.
राहुल गांधी कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में मौजूद नहीं थे. इसे लेकर रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी अभी यात्रा कर रहे हैं. वे कल से उपलब्ध होंगे.
सुरजेवाला ने कहा कि दिल्ली पुलिस जेएनयू मामले में खुद दोषी है. वह निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती. वीसी और दिल्ली पुलिस दोनों हिंसा के लिए ज़िम्मेदार हैं. वीसी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए. इनकी भागीदारी की न्यायिक जांच हो.गृह मंत्री अमित शाह की भूमिक की भी जांच होनी चाहिए.