इराक में अमेरिकी एयरबेस पर ईरान का हमला, बैलिस्टिक मिसाइल दागे गए
तेहरान: आईआरजीसी ने इराक़ में स्थित अमरीकी छावनी एनुलअसद पर कई बैलेस्टिक मिसाइल दागे हैं. क्रांति सरंक्षक बल आईआरजीसी ने एक बयान जारी कहा है कि शोक में डुबे राष्ट्र और ईरान की शहीद देने वाली जनता! सच्चे वादे को पूरा करने का समय आ गया है और ईश्वर की आज्ञा से बुधवार तड़के, अमरीका की आतंकवादी कार्यवाही के जवाब में और आईआरजीसी की कुद्स ब्रिगेड के बहादुर कमांडर जनरल क़ासिम सुलैमानी और उनके साथियों की धोखे से हत्या के बदले में " या ज़हरा" के नारे के साथ ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाले दसियों बैलेस्टिक मिसाइल, इराक में अमरीका की अवैध छावनी " एनुल असद " पर दागे और छावनी को तबाह कर दिया।
आईआरजीसी ने अपने बयान में अमरीका को चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार की जवाबी कार्यवाही का अधिक भयानक और बड़ा जवाब दिया जाएगा।
इसी प्रकार बयान में अमरीका के घटक उन देशों को जिन्होंने अपनी छावनियां अमरीका की आतंकवादी सेना के दे रखी हैं चेतावनी दी गयी है कि जहां से भी इस्लामी गणतंत्र ईरान के खिलाफ कार्यवाही होगी, वहां हमला किया जाएगा।
आईआरजीसी ने अपने बयान में बल दिया है कि इस अपराध में, इस्राईल को अमरीका से अलग नहीं समझा जा रहा है और अमरीकी जनता से कहा गया है कि अधिक नुक़सान से बचने के लिए अमरीकी सैनिकों को इस क्षेत्र से वापस बुला लें और अमरीका की जन विरोधी सरकार को इस देश के सैनिकों का जीवन खतरे में डालने से रोकें।
इस्लामी क्रांति सरंक्षक बल आईआरजीसी के कुदस ब्रिगेड के कमांडर जनरल का़सिम सुलैमानी इराक़ी सरकार के औपचारिक निमंत्रण पर इराक गये थे किंतु वह इराक़ के स्वंय सेवी बल हश्दुश्शाबी के डिप्टी कमांडर अबू मेहदी अलमुहन्दिस के साथ बगदाद हवाई अड्डे पर शुक्रवार तड़के अमरीका के आतंकवादी हमले में शहीद हो गये।
अमेरिका द्वारा ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के मारने के बाद से ही दोनों देशों में तनाव जारी है। तेहरान के इस हमले के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। वहीं, वॉशिंगटन ने कहा है कि वह मामले पर करीबी नजर रखे हुए है। क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए नाटो अपने कर्मचारियों को इराक से निकाल रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इराक में नागरिकों विमानों की उड़ान रोक दी गई है।
बुधवार को ईरानी रिवॉलूशनरी गार्ड कमाडंर ने सरकारी मीडिया से कहा, 'इराक में यूएस के एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला पहला कदम है। तेहरान अमेरिकी सेना को नहीं छोड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को अब यहां से अपनी सेनाओं को हटाना ही होगा या फिर हमारी पहुंच से दूर करना होगा।'
ईरान के हमले के बाद ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है, 'ऑल इज वेल। ईरान की ओर से इराक में अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइलें दागी गईं। हताहतों और नुकसान का आकलन किया जा रहा है। अभी तक सब ठीक है। हम सबसे ताकतवर हैं और दुनिया में हर जगह तकनीकी क्षमता से लैस हैं। मैं कल सुबह इसपर बयान जारी करूंगा।'
वाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप को ईरान की कार्रवाई का विवरण दिया गया है। वॉशिंगटन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। वाइट के प्रेस सेक्रटरी स्टीफन ग्रीशम ने कहा, 'इराक में अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर हमले की कार्रवाई की हमें जानकारी है। राष्ट्रपति ट्रंप को इसके बारे में जानकारी दी गई है और स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से भी सलाह ली जा रही है।'
ईरान द्वारा यूएस बेस पर मिसाइल हमले के बाद खाड़ी इलाके में तनाव बढ़ने की आशंका है। इस बीच, ताइवान एयर ने बयान जारी कर कहा है कि उनके विमान ईरान और इराक के ऊपर से उड़ान नहीं भरेंगे। चीन ने भी इस क्षेत्र से अपने विमानों की उड़ान पर रोक लगा दी है।