अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री को वीजा देने से किया इनकार
नई दिल्ली: अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ को अमेरिकी वीजा देने से इनकार कर दिया है। मोहम्मद जावेद जरीफ को न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में शामिल होने के लिए जाना था। ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की ईराक में अमेरिकी हवाई हमले में मौत के बाद दोनो देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और दुनियाभर में कई लोग ऐसा मान रहे हैं कि इससे दुनिया के सामने तीसरे विश्व युद्ध का खतरा पैदा हो गया है।
बता दें कि ईरान के शीर्ष कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद से दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाजी हो रही है।
फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देश जहां अमेरिका और ईरान दोनों से संयम बरतने की अपील कर रहे हैं। ट्रंप जहां ईरान को अमेरिकी बेस पर नुकसान पहुंचाने के बदले ब्रैंड न्यू हथियारों से हमले की धमकी दे रहे हैं तो ईरान की ओर से भी सबक सिखाने की बात कही जा रही है। इन सबके बीच अब संयुक्त राष्ट्र काउंसिल की न्यू यॉर्क में आयोजित मीटिंग में अब ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ हिस्सा नहीं ले सकेंगे। अमेरिका विदेश विभाग के अधिकारी ने जरीफ को वीजा नहीं देने की पुष्टि की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बढ़ते वैश्विक तनाव को लेकर सोमवार को गहरी चिंता जाहिर की और अमेरिका और ईरान में बढ़ते तनाव को देखते हुए ‘अत्यधिक संयम’ बरतने की अपील की। अमेरिका द्वारा ईरान के सैन्य कमांडर की हत्या किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। गुतारेस ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, ‘नव वर्ष का आगाज हमारी दुनिया में खलबली के साथ हुआ है’। उन्होंने कहा, ‘हम खतरनाक वक्त से गुजर रहे हैं। इस सदी में भूराजनीतिक तनाव उच्चतम स्तर पर हैं और यह अशांति बढ़ती जा रही है’।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को दोहराया कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दिया जाएगा। ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होगा।’ उनका यह ट्वीट तब आया जब एक दिन पहले ईरान ने घोषणा की कि वह उस निगरानी को और सीमित करने जा रहा है जो अंतरराष्ट्रीय समझौते के तहत यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि तेहरान असैन्य परमाणु उद्योग की आड़ में कोई परमाणु हथियार विकसित न करे। ट्रंप ने 2015 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में ईरान के साथ हुए समझौते से अमेरिका को अलग कर दिया था।
अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देश एक-दूसरे को लगातार धमकी दे रहे हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होगा। वहीं ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी पलटवार करते हुए कहा कि ईरान को कभी धमकी न देना और 52 के बदले 290 की बात याद दिलाई।