राजस्थान: जोधपुर में एक महीने में 146 बच्चों ने तोड़ा दम!
नई दिल्ली: ऐसे समय में जब राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है, अकेले जोधपुर के दूसरे अस्पताल से दिसंबर के महीने में 146 शिशुओं की मौत की परेशान करने वाली खबरें सामने आईं। जोधपुर जिले के डॉ संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में पिछले एक महीने में 146 शिशुओं की मौत हो चुकी है। बता दें कि जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृह जिला है।
जोधपुर के अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार अकेले दिसंबर, 2019 में 146 बच्चों की मौत रिकॉर्ड हुई है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने कहा कि दिसंबर में अस्पताल में भर्ती बच्चों की संख्या की तुलना में मृत्यु की संख्या काफी कम रही और अस्पताल को अन्य अस्पतालों से रेफर किए गए गंभीर किस्म के मामले मिलते हैं जिसके कारण मौतों की संख्या अधिक लग रही है।
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ एसएस राठौर ने यहां बताया, "हम पश्चिमी राजस्थान में सबसे बड़े अस्पताल हैं। हम शिशुओं और अन्य रोगियों को भी प्राप्त करते हैं जिन्हें एम्स, जोधपुर से रेफर किया जाता है। अकेले दिसंबर के महीने में 4,689 शिशुओं को भर्ती किया गया, जिनमें से 146 की मृत्यु हो गई। इसलिए, मृत्यु दर सिर्फ 3 फीसदी जो स्वीकार्य मानदंडों के तहत आता है।"
उन्होंने कहा, "मौतों की संख्या अधिक हो सकती है, लेकिन किसी को यह भी देखना चाहिए कि हमारे अस्पताल में भर्ती की संख्या काफी अधिक है। इसके अलावा, अस्पताल में हुई शिशुओं की मृत्यु के पीछे अलग-अलग कारण थे।"
कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा शनिवार को 107 तक पहुंच गया। इस मामले पर शनिवार को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हमारी प्रतिक्रिया अधिक संवेदनशील हो सकती थी। हमें सरकार में आए 13 महीने हो चुके हैं। पुरानी सरकारों को दोष देने से काम नहीं चलेगा। हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी।
केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी के बाद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शनिवार को अस्पताल पहुंचे और कोटा में कई मृत बच्चों के परिवार से मिले। उन्होंने कहा कि पहले क्या हुआ इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए, लेकिन अब जिम्मेदारी हमारी है। बता दें कि पिछले दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जब कोटा में बच्चों की मौत पर सवाल किया गया था तो उन्होंने पहले की सरकार पर दोष मढ़ा था और आंकड़े दिखाते हुए कहा था कि हमारी सरकार में कम मौतें हुई हैं।