नबी की तालीम के सख्त खिलाफ है ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हमला : सय्यद मोहम्मद अशरफ
मुंबई: आल इंडिया उलमा व मशाइख़ बोर्ड के अध्यक्ष एवं वर्ल्ड सूफी फ़ोरम के चेयरमैन हज़रत सय्यद मोहम्मद अशरफ किछौछवी ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे को घेर कर पत्थरबाजी की घटना की निन्दा करते हुए कहा है कि यह काम नबी की तालीम के सख्त खिलाफ है,उन्होंने कहा कि जब पैगम्बर ए इस्लाम सल्लाल्लाहू अलैहि वसल्लम ने मदीना बनाया तो वहां के अल्पसंख्यकों के अधिकार रखे और उनकी इबादतगाहों तथा उनकी जान माल की हिफ़ाज़त का वादा किया।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान की सरकार इस मामले में फौरन दखल दे और हर कीमत पर ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए तथा गुरुद्वारे की पवित्रता को बरकरार रखा जाए। चूंकि ननकाना साहिब में सिख भाइयों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ इसलिए इस जगह से उनकी अकीदत है,जिसका सम्मान किया जाना चाहिए।
हज़रत ने पाकिस्तान के लोगों से अपील करते हुए कहा कि नबी की तालीम पर अमल करें क्योंकि इस तरह अगर कोई करता है तो यह सीधा उस पैग़म्बरे अमन की तालीम की अव्हेलना है लिहाज़ा सब बाहर निकलकर सिख भाइयों की मदद के लिए आएँ।
उन्होंने कहा कि भारत का हर मुसलमान सिख भाइयों के साथ है और हम इस तरह के कृत्य को बर्दाश्त नहीं करते, इसकी कड़ी निन्दा करते हैं क्योंकि किसी को किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का अधिकार इस्लाम नहीं देता है, इस्लाम की तालीम हर जगह ज़ुल्म और ज़ालिम के खिलाफ मजलूम के साथ खड़े होना है।