नोबेल विजेता अर्थशास्त्री की सलाह, कॉरपोरेट सेक्टर को ना दें टैक्स में छूट
नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने आगामी बजट को लेकर केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सलाह देते हुए कहा है कि उन्हें कॉरपोरेट टैक्स में कटौती नहीं करनी चाहिए। अभिजीत बनर्जी के अनुसार, ‘कॉरपोरेट जगत के पास कैश की कमी नहीं है, इसलिए उन्हें कॉरपोरेट टैक्स में छूट नहीं दी जानी चाहिए।’
अभिजीत बनर्जी और उनकी सहयोगी और पत्नी एस्थर डुफ्लो ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान बनर्जी ने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि कॉरपोरेट जगत में कैश की कमी नहीं है। वह निवेश नहीं कर रहे हैं। आपको सिर्फ मांग को बनाए रखना है और लोगों के हाथ में पैसा देना है, ताकि वह खर्च कर सकें। इस सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी का बैंक खाता हो। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था की गिरावट को दूर करने के लिए कई अन्य कदम भी उठाए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि गरीबों को मदद देना उन्हें आलसी बनाता है, यह गलत है। हमने कई देशों में इस थ्योरी को टेस्ट किया है। यदि गरीबों को कुछ संपत्ति जैसे गाय, बकरी और बिजनेस स्टार्ट करने की बेसिक ट्रेनिंग दी जाती है तो समय के साथ उनमें विश्वास आता है कि वह अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं। यह पहले बांग्लादेश में परीक्षण किया गया और उसके बाद 7 अन्य देशों में भी परीक्षण किया गया।
वहीं किसानों की लोन माफी को लेकर बनर्जी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कर्जमाफी ज्यादा प्रभावी है। यदि सूखे के चलते फसल बर्बाद होती है तो केवल उन्हीं किसानों को कर्जमाफी का फायदा मिलेगा, जिन्होंने लोन लिया हुआ है, लेकिन अन्य को इससे कोई फायदा नहीं होगा और उन्हें कुछ नहीं मिलेगा।
नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने संशोधित नागरिकता कानून पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि “प्रशासन के लिए यह चिंता की बात हो सकती है। यदि मैं किसी सीमावर्ती इलाके में रह रहा होता तो यह मेरे लिए काफी पीड़ादायक होता। सबसे ज्यादा चिंता की बात ये है कि कुछ लोगों के हाथ में बहुत ज्यादा शक्ति है। इस तरह के फैसले इतनी तेजी से नहीं किए जाने चाहिए।”