पाकिस्तान जाएगा एसजीपीसी का प्रतिनिधिमंडल
ननकाना साहिब पर हमले के खिलाफ पाकिस्तानी उच्चायोग के सामने प्रदर्शन
नई दिल्ली: पाकिस्तान में गुरु नानक जन्मस्थली ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुए हमले के बाद भारत में इसके खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया। शनिवार को अकाली दल, कांग्रेस और भाजपा ने शनिवार को दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के सामने प्रदर्शन किया तो देश के अलग-अलग हिस्सों में सिख समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतरकर रोष व्यक्त किया। इस बीच सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) ने 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को पाकिस्तान भेजने का फैसला किया है। वहीं, पाकिस्तान के मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को ननकाना साहिब का दौरा किया और वहां सिख समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत की और हमले की निंदा की।
हमले की निंदा करते हुए एसजीपीसी चीफ गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने पाकिस्तान से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोंगोवाल ने कहा, 'हम गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमले की कड़ी निंदा करते हैं और पाकिस्तान सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं। वहां रहने वाले सिखों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल वहां सिख परिवारों से भी मिलेगा। पाकिस्तान के पंजाब के गवर्नर और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की जाएगी। उन्होंने कहा, 'हमने गुरुद्वारा ननकाना साहिब प्रबंधक कमिटी से बात की है। उन्होंने बताया कि अब स्थिति सामान्य है।'
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसएमजी) और शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों ने पाकिस्तानी उच्चायोग के पास प्रदर्शन किया और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए। उन्होंने पाकिस्तान उच्चायोग को एक ज्ञापन भी सौंपा। वहीं, भाजपा और कांग्रेस बीजेपी कार्यकर्ताओं ने भी पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। उन्होंने मांग की कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। साथ ही इस पवित्र स्थल और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
शुक्रवार दोपहर को ननकाना साहिब गुरुद्वारे को भीड़ ने घेर लिया था और पत्थरबाजी की थी। इस पर भारत ने कडी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था, 'सिख समुदाय पर हमला और गुरुद्वारा में तोड़फोड़ की घटना में दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार को पवित्र ननकाना साहिब गुरुद्वारे की पवित्रता को सुरक्षित व संरक्षित रखने के लिए हर उपाय करने चाहिए।'
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि वहां दो मुस्लिम समूहों के बीच किसी छोटी घटना को लेकर झड़प हुई थी जिसमें तत्काल हस्तक्षेप करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुद्वारा बिल्कुल सुरक्षित है और इसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। बयान में कहा गया कि पाकिस्तान सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने और खास तौर पर अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया कि पवित्र स्थान को अपवित्र करने के कृत्यों के दावे, न केवल झूठे हैं, बल्कि शरारती भी हैं। इस घटना के दौरान किसी तरह का कोई नुकसान नही हुआ है।