इराक़ में प्रदर्शनकारियों ने अमरीकी दूतावास में लगाईं आग
बगदाद: इराक़ की राजधानी बगदाद में मंगलवार की सुबह से अमरीकी दूतावास के सामने होने वाले प्रदर्शन जारी हैं और ताज़ा समाचारों के अनुसार आक्रोशित भीड़ ने अमरीकी दूतावास में आग भी लगा दी है।
यह प्रदर्शन, अमरीकी हमले में हमारे जाने वाले इराक़ी स्वंय सेवी बल के जवानों के अंतिम संस्कार के बाद आंरभ हुए और प्रदर्शनकारियों ने अमरीकी दूतावास को घेर लिया।
अमरीका ने इराक़ और सीरिया की सीमा पर तैनात, इराक़ी स्वंय सेवी बल की यूनिट 45 और 46 के ठिकानों पर बमबारी की जिसमें स्वंय सेवी बल के कम से कम 30 जवान शहीद और दसियों अन्य घायल हो गये।
प्रदर्शनकारियों ने बगदाद में अमरीका के विशाल दूतावास के सामने खड़े होकर, अमरीका व इस्राईल के खिलाफ नारे लगाए और अमरीकी दूतावास को अपने देश में बंद किये जाने की मांग की।
शांतिपूर्ण रूप से आरंभ होने वाला प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब अमरीकी दूतावास की छत पर अमरीकी स्नापर तैनात कर दिये गये और अमरीकी सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे।
प्रदर्शनकारियों ने दूतावास में घुसने का प्रयास आरंभ कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने दूतावास में घुस कर आग लगा दी और इराक़ी स्वंय सेवी बल का झंडा लगा दिया।
कुछ समाचारों के अनुसार बगदाद में अमरीकी दूतावास के सामने धरना भी आरंभ हो गया है और प्रदर्शनकारियों के प्रवक्ता ने वाशिंग्टन पोस्ट से एक बात चीत में बताया है कि यह धरना अमरीकी दूतावास को बंद किये जाने तक जारी रहेगा।
अमरीका द्वारा इराक़ के स्वंय सेवी बल पर हमले से आक्रोशित प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इराक़ में अमरीकी दूतावास, अस्थिरता का केन्द्र बन चुका है।
इराक़ में हालिया प्रदर्शनों के दौरान भी अमरीकी दूतावास पर प्रदर्शनकारियों के दिशा निर्देश का आरोप लगता रहा है।
खबर है कि अमरीकी दूतावास के लगभग 80 कर्मचारियों को पहले ही इराक़ी कुर्दिस्तान पहुंचा दिया गया था।
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट किया है कि हमें आशा है कि इराक़ बगदाद में हमारे दूतावास की सुरक्षा के लिए सैन्य बल का प्रयोग करेगा और उनसे यही कहा गया है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने इन प्रदर्शनों का आरोप ईरान पर लगाया है जबकि अमरीकी सीनेटर क्रिस मर्फी ने कहा है कि बगदाद में अमरीकी दूतावास पर हमला, खतरनाक किंतु आशा के अनुसार था।
उन्होंने कहा कि ट्रम्प की नीतियों से अमरीका असुरक्षित हो रहा है और मध्य पूर्व में वह एक कमज़ोर देश बन गया है।