कड़ाके की ठंडक में CAA-NRC के खिलाफ शाहीन बाग में महिलाओं का शांति प्रदर्शन जारी
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली इन दिनों 120 साल के रिकॉर्ड ठंड में कालिंदी कुंज से सरिता विहार जाने वाले रोड पर शाहीन बाग बस स्टॉप के पास नागरिकता क़ानून, NRC के खिलाफ महिलाओं का अपने बच्चों के साथ विरोध प्रदर्शन जारी है। उनका धरना दिन-रात चल रहा है और केन्द्र सरकार के खिलाफ लगातार नारेबाजी भी चल रही है। दरअसल, 15 दिसंबर से यहां बैठे लोग नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी जहां सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं वहीं जामिया, सीलमपुर और उत्तर प्रदेश में कथित पुलिस हिंसा को लेकर भी आक्रोशित हैं।
शाहीनबाग में रहने वाली सायमा खान अपना घर भी संभालती हैं, और यहां प्रदर्शन में भी मौजूद रहती हैं। उनके बच्चे बीमार हैं, बावजूद इसके वे ज्यादातर समय प्रदर्शन स्थल पर ही बिताती हैं। सायमा कहती हैं कि यह लड़ाई हक की लड़ाई है। उनके बच्चों के भविष्य की लड़ाई है। सायमा खान की तरह ही यहां प्रदर्शन स्थल पर सैकड़ों महिलाएं बैठी हुई हैं। सायमा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संबोधित करते हुए सवालिया लहजे में कहती हैं, “जो सर्दी हमें घर में रहने नहीं दे रही है, वैसे में हम इस खुले आसमान के नीचे बैठे हैं, कोई तो वजह होगी? प्रधानमंत्री से अपील है कि वे इतने बेरहम न बनें। अपनी मांओं और बहनों की आवाज सुनें…”
आईटी कंपनी में काम करने वाले रफी बताते हैं कि सरकार के मौजूदा फैसले से हर मुस्लिम डरा हुआ है। वह मजबूर होकर आज प्रदर्शन कर रहा है। कोई भी इंसान अपनी नौकरी और रोजी-रोटी को ताक पर रख कर यूं ही सड़क पर नहीं उतरता। रफी आगे कहते हैं, “यहां बहुत सारे दिहाड़ी मजदूर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। ये सभी इस चिंता में हैं कि वे सभी यहां के नागरिक हैं कि नहीं?”
यहां बैठे प्रदर्शनकारी सीएए और एनआरसी के साथ-साथ हाल-फिलहाल हुई पुलिस कार्रवाई को लेकर भी गुस्से में हैं। वे इसे पुलिस हिंसा करार दे रहे हैं। आलम भी इसे लेकर आक्रोशित हैं। वह कहते हैं, "पुलिस ने दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश तक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर ज्यादती की है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। अगर हमारा भरोसा कानून से उठ गया तो क्या होगा?”आलम कहते हैं कि मौजूदा सरकार का मकसद किसी को देश में बसाना नहीं, बल्कि हिंदुओं और मुसलमानों को आपस में लड़ाना है।
वैसे तो देश भर में एनआरसी और सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन शाहीनबाग का प्रदर्शन अपनी विशेषता की वजह से लोगों का ध्यान खींच रहा है।