कांग्रेस का दिल्ली में दावा, सरकार मे आए तो पेंशन राशि होगी 5000 रुपये
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कसना शुरू कर दिया है. जहां एक तरफ आम आदमी पार्टी मौका मिलने पर दिल्ली का और विकास करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी केजरीवाल सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगा रही है. इन सब के बीच दिल्ली कांग्रेस कमेटी ने राजधानी में अपनी सरकार आने पर बड़े वादे किए हैं. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने रविवार को ऐलान किया कि राजधानी में कांग्रेस पार्टी की सरकार आने पर सभी बुजुर्गों, विधवाओं व दिव्यांगों की पेंशन राशि को बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पार्टी पूरे विवरण व मसौदे के साथ इस मुद्दे को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करेगी.
बीजेपी ने लगाए आरोप, केजरीवाल ने कहा अच्छे सुझावों को अगले पांच सालों में लागू करेंगे
चोपड़ा ने यह बात मॉडल टाउन व राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित जन जागरण अभियान के तहत आयोजित हल्ला बोल रैलियों को सम्बोधित करते हुए कहा. मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र की रैली का आयोजन क्षेत्र के पूर्व विधायक कुंवर करण सिंह और राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र की रैली का आयोजन जिला अध्यक्ष श्री प्रदीप शर्मा ने किया.
रैली को पूर्व अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल, महाबल मिश्रा, मुख्य प्रवक्ता एवं वरिष्ठ नेता मुकेश शर्मा के अलावा जिला अध्यक्ष मौहम्मद उस्मान, प्रदीप शर्मा व महिला कांग्रेस महासचिव अकांक्षा ओला ने भी सम्बोधित किया. मॉडल टाउन रैली में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे. वहां मौजूद लोगों ने भाजपा व आम आदमी पार्टी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को वोट देने का संकल्प भी लिया.
रैली में हजारों की भीड़ से गदगद चोपड़ा ने आप पार्टी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वृद्धावस्था, विधवा व दिव्यांगों को दी जानी वाली पेन्शन राशि का दुरुपयोग किया है, उन्होंने आंकडों के हवाले से कहा कि दिल्ली सरकार अपने लक्ष्य को भी पूरा नही कर सकी है. इस मद में पूरे बजट को सरकार खर्च नही कर पाई और 1,45,416 लोगों को इस योजना का लाभ बजट में प्रावधान होने के बावजूद भी नही दिया गया.
चोपड़ा ने यह भी कहा कि बकायदा दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका के जवाब में दिल्ली सरकार ने इस बात को माना है कि सरकार निर्धारित लक्ष्य को पूरा नही कर सकी. यह पूरे तरीके से साबित करता है कि दिल्ली सरकार सिर्फ विज्ञापनों के जरिए वाहवाही लूटने का काम कर रही है और जमीनी हकीकत कुछ और ही है.